बलौदा बाजार: उपभोक्ताओं की सेहत और खाद्य विभाग के नियमों का सही से पालन हो इसके लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. बलौदा बाजार जिला लंबे वक्त से खाद्य अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है. इस कमी को दूर करते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने बड़ा फैसला लिया. विभाग ने प्रत्येक जिले में एसडीएम रैं के पूर्णकालिक जिला अधिकारियों की नियुक्ति की है. मंगलवार को इस संबंध में एक आदेश भी विभाग की ओर से जारी किया गया. जारी आदेश में 25 अधिकारियों का तबादला कर उन्हें जिलों में पदस्थ किया गया है.
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी - वक्त था निखरने का, ईमानदारी बिखर गई
मिलावटखोरों पर कसा जाएगा शिकंजा: इस फैसले से खाद्य एवं औषथि विभाग के काम काज में कसावट आएगी बल्कि मिलावटखोरों पर भी तेजी से शिकंजा कसा जा सकेगा. नई पदास्थापना के बाद अब प्रत्येक जिले में ऐसे अधिकारी मौजूद रहेंगे जो खाद्य परिसरों की समय पर निगरानी करेंगे. इसके साथ ही लाइसेंसिंग और मिलावटखोरों पर भी त्वरित कार्रवाई करेंगे. कड़े फैसले लेने का भी इनको अधिकार होगा.
25 अफसरों का तबादला: खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 (Food Safety and Standards Act – FSS Act) लागू होने के बाद से ही यह जरुरत बार-बार महसूस की जा रही थी कि हर जिले में अधिकारी मौजूद रहें. लेकिन लंबे समय तक ये पद खाली रहे या फिर अतिरिक्त प्रभार के रूप में अन्य अधिकारियों पर जिम्मेदारी डाली जाती रही. नतीजा ये हुआ कि विभाग अपना काम तेजी से नहीं कर पाया. ऐसे में मिलावटखोरों की चांदी हो गई. सैंपल जांच में समय ज्यादा लगता और कार्रवाई में भी देरी होती. दोषी पाए जाने पर लाइसेंस और पंजीयन को लेकर आगे जो कार्रवाई होनी होती वो फाइलें लटक जाती. अफसरों की कमी के चलते निरीक्षण अभियानों में भी कमी हुई. अब जब हर जिले में SDM रैंक का अधिकारी बैठकर इस काम को देखेगा, तो विभाग की कार्यक्षमता स्वतः बढ़ जाएगी.
अफसरों को दी गई जिम्मेदारियां और अधिकार
उपफोक्ताओं पर क्या होगा असर: इस फैसले का सबसे बड़ा असर आम उपभोक्ताओं पर होगा. अब उन्हें बाज़ार में सुरक्षित और गुणवत्तायुक्त खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सीधे जिलों में बैठे अभिहित अधिकारियों की होगी. अब मिलावटखोरी करने वाले व्यापारी तुरंत जांच के दायरे में आएंगे. खाद्य परिसरों में अनियमितता पाए जाने पर लाइसेंस निलंबन या रद्द करने जैसी सख्त कार्रवाई तुरंत संभव होगी. निरीक्षण अभियान तेज होंगे और आम जनता को समय पर राहत मिलेगी.
इन जिलों में कार्रवाई होगी तेज
प्रशासनिक सुधार की दिशा में अहम कदम: खाद्य एवं औषधि प्रशासन को लंबे समय से केवल नाम मात्र के संसाधनों के सहारे चलाया जा रहा था. कई बार जिला स्तर पर निरीक्षण अभियान नहीं हो पाते थे क्योंकि अधिकारी उपलब्ध ही नहीं होते थे. लेकिन अब हर जिले में SDM रैंक के अधिकारी बैठने से हालात पूरी तरह बदल जाएंगे. यह कदम उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा प्रशासनिक सुधार माना जा रहा है। सरकार का यह फैसला न केवल उपभोक्ताओं को राहत देगा बल्कि मिलावटखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त संदेश भी जाएगा.
Comments