भारतीय अर्थव्यवस्था ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के असर को किया बेअसर

भारतीय अर्थव्यवस्था ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के असर को किया बेअसर

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने भारत की अर्थव्यवस्था के लिए खुशखबरी दी है। IMF ने अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य यानी कि WEO रिपोर्ट में 2025-26 के लिए भारत के GDP विकास अनुमान को 6.4% से बढ़ाकर 6.6% कर दिया है। यह संशोधन इस बात का सबूत है कि भारत की अर्थव्यवस्था में मजबूत रफ्तार बरकरार है, जो अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए नए टैरिफ के असर को भी झेलने में कामयाब रही है।

मजबूत शुरुआत ने बढ़ाया भरोसा
IMF की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था ने अप्रैल-जून तिमाही में 7.8% की शानदार वृद्धि दर्ज की, जो पिछली 5 तिमाहियों में सबसे बेहतर प्रदर्शन है। इस जोश और तेजी ने अमेरिकी टैरिफ के असर को कम कर दिया। IMF ने कहा, '2025 के लिए हमारा अनुमान पहले से बेहतर है। पहली तिमाही की मजबूत शुरुआत ने टैरिफ के असर को बेअसर कर दिया, हालांकि 2026 के लिए अनुमान में थोड़ी कमी की गई है।' भारत में मजबूत घरेलू मांग, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की तेजी और सरकार की पूंजीगत खर्च की नीतियों ने इस रफ्तार को बनाए रखा है।

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विश्व बैंक ने भी बढ़ाया अनुमान

IMF ही नहीं, विश्व बैंक ने भी इस महीने की शुरुआत में भारत के लिए चालू वित्त वर्ष (2024-25) के GDP अनुमान को 6.3% से बढ़ाकर 6.5% किया था। विश्व बैंक का कहना है कि भारत निकट भविष्य में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भी अपनी मजबूती दिखा रहा है। हालांकि IMF ने 2025-26 के लिए अनुमान बढ़ाया है, लेकिन 2026-27 के लिए उसने GDP वृद्धि को 6.4% से घटाकर 6.2% कर दिया है। यह मामूली कमी वैश्विक व्यापार में अनिश्चितताओं और अन्य आर्थिक चुनौतियों के कारण है। इससे पहले अप्रैल 2025 की रिपोर्ट में IMF ने 2025 के लिए 6.2% और 2026 के लिए 6.3% विकास का अनुमान लगाया था।

वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नजर

IMF ने वैश्विक स्तर पर भी अपने अनुमान साझा किए। रिपोर्ट के अनुसार, विश्व की आर्थिक वृद्धि 2024 में 3.3% से घटकर 2025 में 3.2% और 2026 में 3.1% रहने की उम्मीद है। यह जुलाई की तुलना में थोड़ा बेहतर है, लेकिन अक्टूबर 2024 के पहले के अनुमानों से 0.2% कम है। IMF ने इस सुस्ती का कारण संरक्षणवादी नीतियां, व्यापार में अनिश्चितता और व्यापक आर्थिक चुनौतियां बताया है। उभरते और विकासशील देशों की वृद्धि भी 2024 में 4.3% से घटकर 2025 में 4.2% और 2026 में 4% रहने की संभावना है। IMF और विश्व बैंक के ये अनुमान भारत की आर्थिक ताकत को दर्शाते हैं। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत का मजबूत प्रदर्शन और सरकार की नीतियां इसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाए रखने में मदद कर रही हैं।

 







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