पुलिस आरक्षक के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर ठगी,रायगढ़ पुलिस ने किया पर्दाफाश

पुलिस आरक्षक के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर ठगी,रायगढ़ पुलिस ने किया पर्दाफाश

रायगढ़ : पुलिस आरक्षक के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर युवक के साथ 11.30 लाख की धोखाधड़ी की गई है। दिव्यांग कोटा से जॉब लगाने की बात कहकर अलग-अलग किस्तों में 11 लाख 30 हजार रुपए ऐंठ लिए गए। पुलिस ने 2 आरोपी को गिरफ्तार किया है। जबकि बाकी 6 आरोपी फरार हैं। मामला चक्रधर नगर थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, पीड़ित युवक का नाम राहुल है। जो कि अलेन किंडो (60) का भतीजा है। इस वारदात को डिग्री काॅलेज के हिंदी के प्रोफेसर और कम्प्यूटर ऑपरेटर समेत 8 लोगों ने अंजाम दिया है। 

नौकरी नहीं लगने के बाद युवक की बुआ की रिपोर्ट पर पुलिस ने हिंदी प्रोफेसर उत्तरा सिदार और कंप्यूटर ऑपरेटर संजू यादव को गिरफ्तार किया है। दरअसल, मार्च 2024 में उत्तरा सिदार ने अलेन के भतीजे राहुल को आरक्षक पद पर नौकरी लगाने के नाम पर 50 हजार रुपए की मांग की। अलेन ने 30 हजार रुपए दिए और बाद में संजू यादव को 20 हजार रुपए दिए। कुछ दिन बीतने के बाद उत्तरा सिदार और संजू यादव ने कहा कि रायपुर में रहने वाला विकास सिदार और उसके साथी को पैसे देने पड़ेंगे।

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जो नौकरी लगाने में मदद करेंगे। ऐसे में फिर विकास सिदार को ढाई लाख देने कहा। तब 14 अप्रैल 2024 को अलेन किंडो ने विकास सिदार को रायगढ़ में ढाई लाख रुपए दिए। यह पैसे उसने पोस्ट ऑफिस के बीमा राशि और राहुल के मामा-मौसी से लेकर दी थी। इसके बाद गुप्ता नामक शख्स से बात कराया गया, तब उसने कहा कि उसका भतीजा का आरक्षक सीट सुनिश्चित पत्र भेज दिए हैं।

उसके घर में फर्जी बंद लिफाफा छोड़ भेजा गया। जिसे खोलकर देखने पर आरक्षक के पद संबंधी का सीट सुनिश्च‍ित होने के संबंध में लिखा था तब अलेन को लगा कि उसके भतीजे राहुल का नौकरी तय हो गई है। जिसके बाद फिर पैसों की डिमांड की गई। अलेन ने अपने परिचित से उधारी लेकर, अपना सोने-चांदी के जेवरात को बेचकर और जीवन बीमा को तुड़वाकर 1 मार्च 2024 से 11 अप्रैल 2025 तक उतरा सिदार, संजू यादव, विकास सिदार, अमन यादव, सेवक चौहान, मुलचंद कावर, एसके सिंग व गुप्ता नामक व्यक्ति को 11 लाख 30 हजार रुपए अलग-अलग किस्तों में दिया।

कई दिनों तक नौकरी को लेकर कोई अन्य दस्तावेज नहीं आया। तब अलेन को भेजे गए आरक्षक संबंधी पत्र की जांच की गई, तो पता चला कि वह फर्जी दस्तावेज है। जिसके बाद उसने उत्तरा सिदार से पैसे वापस मांगे, लेकिन वह टालमटोल करते रहा। ऐसे में वह समझ गई कि उसके साथ धोखाधड़ी किया गया है। इसके बाद अलेन ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। तब उसके दस्तावेज की जांच की गई, तो वह फर्जी मिला। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 468, 34 IPC के तहत केस दर्ज कर रविवार को आरोपी उत्तरा सिदार और संजू यादव को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।

 









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