जानें नवंबर में कब है सोम प्रदोष व्रत  ? करें इन मंत्रों का जप

जानें नवंबर में कब है सोम प्रदोष व्रत ? करें इन मंत्रों का जप

नवंबर का पहला प्रदोष व्रत सोमवार, 3 नवंबर को मनाया जाएगा। सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat 2025) भी कहा जाएगा। इस दिन पर पूजा का मुहूर्त शाम 6 बजे से रात 8 बजकर 34 मिनट तक रहने वाला है। प्रदोष व्रत की पूजा में आप शिव जी के मंत्रों का जप करके शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं। इससे साधक को महादेव का आशीर्वाद मिलता है और उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

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शिव जी के मंत्र 

1. ॐ नमः शिवाय

2. ॐ नमो भगवते रूद्राय

3. ॐ नमो नीलकण्ठाय।

4. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात

5. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्

6. ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्तये।
मह्यं मेधां प्रज्ञां प्रयच्छ स्वाहा॥

7. कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।
सदावसन्तं हृदयारविन्दे
भवं भवानीसहितं नमामि ॥

॥ श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम् ॥

शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।
अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥1॥
कमल लोचन राम दयानिधे,हर गुरो गजरक्षक गोपते।
शिवतनो भव शङ्कर पाहिमां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥2॥
स्वजनरञ्जन मङ्गलमन्दिर,भजति तं पुरुषं परं पदम्।
भवति तस्य सुखं परमाद्भुतं,शिवहरे विजयं कुरू मे वरम्॥3॥
जय युधिष्ठिर-वल्लभ भूपते,जय जयार्जित-पुण्यपयोनिधे।
जय कृपामय कृष्ण नमोऽस्तुते,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥4॥









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