नई दिल्ली : टेस्ला ने हाल ही में भारत में अपने 2 शोरूम खोले हैं. पहला मुंबई में और दूसरा दिल्ली में. टेस्ला अपनी ड्राइवरलेस यानी सेल्फड्राइविंग कारों के लिए दुनिया भर में जानी जाती है.भारत में भी ड्राइवरलेस कारों को लेकर काफी एक्साइटमेंट है. अब भारत की ही एक कंपनी ने ये कमाल कर दिखाया है और बना दी है इंडिया की पहली सेल्फड्राइविंग कार. आइए जानते हैं इस बारे में.
इंडिया की पहली ड्राइवरलेस कार
बिना ड्राइवर वाली कार, WIRIN (विप्रो-आईआईएससीरिसर्च एंड इनोवेशन नेटवर्क), जो विप्रो, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) और आरवीकॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की पहल है, को बेंगलुरु में पेश किया गया. इसका एक वीडियो में भी माइक्रोब्लॉगिंगसाइटX पर शेयर किया गया है. इस वीडियो में उत्तरादी मठ के सत्यात्म तीर्थ श्रीपादंगलु कार में बैठे नजर आए. 28 सेकंड के वीडियो को आदर्श हेगड़े (@adarshahgd) ने X पर अपलोड किया, जो वायरल हो गया है. वीडियो में कार को बिना किसी ड्राइवर के चलते देखा जा सकता है.
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27 अक्तूबर को हुई पेश
सूत्रों के अनुसार, प्रोटोटाइप बिना ड्राइवर वाली कार को 27 अक्टूबर को आरवीकॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में पेश किया गया था. "इस कार्यक्रम की अध्यक्षता रामचंद्र बुधिहाल, वैश्विक प्रमुख, स्वायत्त प्रणाली और रोबोटिक्स, विप्रो, एमपी श्याम, अध्यक्ष, राष्ट्रीय शिक्षा समिति ट्रस्ट (आरएसएसटी) और केएनसुब्रमण्या, प्रिंसिपल, आरवीसीई ने की. एक सूत्र ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए बताया कि यह इनोवेशन और कोऑपरेशन 6 सालों के डिजाइन और डिवेलपमेंट का परिणाम है, जिसमें आरवीकॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के फैकल्टी और छात्रों की टीम ने स्वदेशी सेल्फड्राइव कार बनाई, जिसे फैकल्टीउत्तरा कुमारी और राजा विद्या ने लीड किया.
कैसे काम करती हैं सेल्फड्राइव कारें
ड्राइवरलेस कारें सेंसर, कैमरा, रडार और आर्टिफिशियलइंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके काम करती हैं, जो उन्हें अपने आसपास के माहौल को समझने और रिएक्ट करने में सक्षम बनाती हैं. ये वाहन अपने रास्ते की योजना बनाने, गति नियंत्रित करने, ब्रेक लगाने और दिशा बदलने के लिए डेटा को प्रोसेस करते हैं ताकि इंसानों की मदद के बिना सुरक्षित रूप से चल सकें.



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