यूरिक को कंट्रोल करने के लिए पान का पत्ता बेहद फायदेमंद,जानें इस्तेमाल करने का आसान तरीका

यूरिक को कंट्रोल करने के लिए पान का पत्ता बेहद फायदेमंद,जानें इस्तेमाल करने का आसान तरीका

 आजकल बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों के कारण हाई यूरिक एसिड की समस्या तेजी से बढ़ रही है. यह एक ऐसा टॉक्सिन्स है जो शरीर में प्यूरीन के टूटने से बनता है और आमतौर पर किडनी के जरिए पेशाब के रूप में बाहर निकल जाता है. लेकिन, जब किडनी ठीक से काम नहीं करती या शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगता है, तो यह खून में जमा होने लगता है. इससे गठिया, जोड़ों में दर्द, सूजन और किडनी स्टोन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में आयुर्वेदिक उपायों की ओर रुख करना एक सुरक्षित और असरदार विकल्प हो सकता है. पान का पत्ता ऐसा ही एक घरेलू उपाय है, जिसे आयुर्वेद में खून शुद्धि और सूजन कम करने के लिए उपयोग किया जाता है.

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यूरिक एसिड कम करने के लिए पान के पत्ते के फायदे

ब्लड प्यूरिफाई करता है: पान का पत्ता शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड को कंट्रोल में रहता है.

सूजन और दर्द में राहत: पान के पत्ते में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करते हैं.

पाचन तंत्र को सुधारता है: पान का पत्ता पाचन को बेहतर बनाता है, जिससे शरीर में अपशिष्ट पदार्थों का जमाव नहीं होता.

किडनी को सपोर्ट करता है: यह किडनी की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड का इमिशन ठीक से हो पाता है.

कैसे करें पान के पत्ते का सेवन?

पान का पत्ता खाने का तरीका बेहद आसान है, लेकिन रेगुलर और सही मात्रा में इसका सेवन करना जरूरी है.

तरीका 1: सुबह खाली पेट

रोज सुबह एक ताजा पान का पत्ता लें.

इसे अच्छे से धोकर बिना सुपारी या चूना के चबाएं.

इसके बाद गुनगुना पानी पी लें.

तरीका 2: पान का काढ़ा

2–3 पान के पत्ते लें और उन्हें छोटे टुकड़ों में काट लें.

एक कप पानी में डालकर 5–7 मिनट तक उबालें.

छानकर गुनगुना काढ़ा सुबह या रात को पिएं.

तरीका 3: पान का पेस्ट

पान के पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें.
इसे एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर सेवन करें.
यह तरीका सूजन और दर्द में राहत देने में मदद करता है.

किन बातों का रखें ध्यान?

पान का पत्ता हमेशा ताजा और हरा होना चाहिए. सूखे या पुराने पत्ते असरदार नहीं होते.

सुपारी, चूना या तंबाकू के साथ सेवन न करें. ये तत्व शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

गर्भवती महिलाएं या गंभीर रोगी डॉक्टर की सलाह लें. हर आयुर्वेदिक उपाय सभी के लिए उपयुक्त नहीं होता.









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