खैरागढ़ : छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में फारेस्ट कॉलोनी परिसर की सुरक्षा के लिए बनाए जा रहे बाउंड्रीवाल निर्माण में भारी वित्तीय गड़बड़ी का मामला सामने आया है। यह काम राज्य कैम्पा मद के तहत किया जा रहा था, जिसकी लागत लगभग 39 लाख 20 हजार रुपए बताई गई, लेकिन आरटीआई से सामने आए दस्तावेजों ने विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्राम अछोली के शंकर वर्मा और बिजलदेही के आदित्य सिंह परिहार ने जब आरटीआई के जरिए जानकारी निकाली तो पता चला कि मजदूरी मद में कई गड़बड़ियां हुई है। एक ही व्यक्ति शैलेन्द्र मिश्रा को एक ही अवधि के लिए बार-बार भुगतान किया गया है।
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रिकॉर्ड के मुताबिक, 6 से 11 मार्च 2021 तक के कार्य के लिए 7,852 रुपए का भुगतान किया गया, लेकिन उसके बाद 8 से 16 मार्च 2021 की अवधि के लिए दोबारा 22,189 रुपए दे दिए गए। यह वही अवधि थी, जिसमें 6 से 11 मार्च की तारीखें पहले भुगतान में पहले ही शामिल थीं। ऐसा ही खेल फरवरी 2021 में भी किया गया। 13 से 15 फरवरी तक किए गए कार्य का भुगतान 1,332 रुपए किया गया, फिर उसी अवधि को दोबारा 13 से 18 फरवरी दिखाकर 5,595 रुपए और दे दिए गए। यानी मजदूरी दो बार दी गई। आरटीआई रिपोर्ट में मई और जुलाई 2021 में भी ऐसे कई ओवरलैप भुगतान मिले हैं। जुलाई में 9 से 19 जुलाई, 13 से 21 जुलाई और 17 से 30 जुलाई के बीच किए गए भुगतानों में कई तारीखें दोहराई गईं। इन दिनों में 17, 18 और 19 जुलाई की मजदूरी तीन बार, जबकि 20 और 21 जुलाई की मजदूरी दो बार दी गई। मई में भी 25 से 28 मई और 21 से 23 मई के बीच दो-दो बार भुगतान हुआ।
उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग
आरटीआई कार्यकर्ताओं ने इस पूरे मामले की शिकायत खैरागढ़ कलेक्टर कार्यालय में की है। उनका कहना है कि यह केवल एक व्यक्ति के भुगतान का मामला नहीं, बल्कि विभागीय मिलीभगत का बड़ा उदाहरण है। उन्होंने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह मामला बताता है कि सरकारी योजनाओं में किस तरह फाइलों के खेल से धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।



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