नई दिल्ली: 55वें केरल राज्य फिल्म पुरस्कारों की घोषणा के बाद निर्णायक मंडल के अध्यक्ष प्रकाश राज ने हाल के सालों में एक्टर ममूटी को राष्ट्रीय पुरस्कारों से बार-बार बाहर किए जाने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दिया। अभिनेता ने ममूटी के बारे में कहा कि उन्हें नेशनल लेवल पर वो मान्यता नहीं मिली जो मिलनी चाहिए थी।
प्रकाश राज ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा, 'मुझे यह कहने में कोई आपत्ति नहीं है कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के साथ समझौता किया जा रहा है। मैं केरल में जूरी अध्यक्ष बनकर बहुत खुश हूं क्योंकि जब उन्होंने मुझे बुलाया था, तो उन्होंने कहा था कि हमें एक अनुभवी बाहरी व्यक्ति की जरूरत है और हम इसमें दखल नहीं देंगे। हम आपको फैसला लेने देंगे'।
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उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय पुरस्कारों में ऐसा नहीं हो रहा है और हम इसे तब देखते हैं जब ढेरों फाइलों और ढेरों को पुरस्कार मिल रहे हैं। अगर ऐसी जूरी और सरकार है, तो वे ममूटी के लायक नहीं हैं'। 55वें केरल राज्य फिल्म पुरस्कारों में ममूटी को 'ब्रमयुगम' में उनके अभिनय के लिए बेस्ट एक्टर का पुरुस्कार मिला वहीं 'मंजुम्मेल बॉयज' को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला। इन पुरस्कारों ने पूरे भारत में अवॉर्ड देने की प्रोसेस की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
त्रिशूर में 3 नवंबर को घोषित इन पुरस्कारों ने मलयालम सिनेमा के कई कलाकारों को सम्मानित किया गया। ममूटी के अलावा अन्य कैटेगरी में शमला हमजा को बेस्ट एक्ट्रेस और चिदंबरम एस. पोडुवल को बेस्ट निर्देशक का पुरुस्कार मिला। प्रकाश राज के नेतृत्व में निर्णायक मंडल ने 128 फिल्मों के चयन की समीक्षा की, जिनमें से 26 अंतिम दौर में पहुंचीं। प्रकाश राज का यह बयान बड़ी चर्चा बन गया है।



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