रायपुर/ कांकेर : पखांजूर नगर पंचायत में संविधान की धज्जियाँ उड़ती नजर आ रही हैं. यहां के अध्यक्ष नारायण चंद्र साहा ने 3 नवंबर को अपने लेटरहेड पर एक ऐसा पत्र थमा दिया, जिसे पढ़कर कोई भी चौंक जाए. उन्होंने अपने इस पत्र में लिखा है कि जब तक वे छुट्टी पर हैं, तब तक उनकी पत्नी मोनिका साहा पूरे प्रशासनिक, वित्तीय और कार्यकारी अधिकारों के साथ नगर पंचायत की कमान संभालेंगी. सभी अधिकारी उन्हें सहयोग और सम्मान दें.
पत्र की प्रतिलिपि भाजपा जिला अध्यक्ष महेश जैन और मंडल अध्यक्ष दीपांकर राय को भी भेजी गई है. सोशल मीडिया पर यह चिट्ठी आग की तरह फैल रही है. लोग पूछ रहे हैं, क्या संवैधानिक पद अब घर की चौखट पर सौंपा जाने लगा?
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पखांजूर के एसडीएम ने साफ कहा, “अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में सिर्फ उपाध्यक्ष ही पद संभाल सकता है. वित्तीय अधिकार किसी को सौंपना गैरकानूनी है.” यानी अध्यक्ष का यह फरमान कागज का पुलिंदा भर है.
अध्यक्ष साहा से जब मीडिया ने बात की तो वे बोले, “हाँ, पत्र मैंने ही जारी किया. छुट्टी कितने दिन की होगी, अभी तय नहीं. तब तक पत्नी सब देखेंगी.” मोनिका साहा खुद वार्ड 15 की पार्षद और पूर्व अध्यक्ष रह चुकी हैं. लेकिन कानून उनकी पुरानी कुर्सी को नहीं, उपाध्यक्ष को मान्यता देता है.
कांग्रेस ने मौके की नब्ज पकड़ ली. नेता सुनील गोस्वामी ने हंसते हुए कहा, “भाजपा वालों को संविधान की ट्रेनिंग चाहिए. अध्यक्ष खुद लेटरहेड पर हुक्मनामा थोड़े लिखते हैं. यह काम सीएमओ का होता है.



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