छत्तीसगढ़ में नमक नही बनता इसलिए कइयों ने नमक हरामी को अपना फर्ज समझ लिया है,नमक खरीदने का सामर्थ्य से लेकर सारे संसाधन समृद्धि छत्तीसगढ़ कि ही है,जिन्होंने छत्तीसगढ़ में समृद्धि पाई क्या उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी के सम्मान में वृद्धि की? बोनसाई छत्तीसगढ़ियों के छत्तीसगढ़ को उपकृत करने की जो अदा है ,उन अदाओं का उनके योगदानों सहित विश्लेष्ण करते हैं । हम ये मानतें है की कमियां मानव जीवन का अंग हैं, पर उनमें सुधार अवश्य किया जा सकता है, पुलिस ने 162 दिन बाद हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर को गिरफ्तार किया, ऑटो में घुमने वाला ,अंडा ठेला का मालिक करोड़ो में खेलने लगा,पुलिस से आँख मिचौली करते रहा ,ऐसी प्रतिभा तो विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय में पढ़ने से भी नही आती और यदि प्रतिभा जन्मजात थी तो फिर छत्तीसगढ़ प्रवास की क्या जरूरत थी ? तोमर ने जिनसे सूद कमाएं बेहिसाब संपत्ति अर्जित की वों अधिकांश छत्तीसगढ़िया हैं, छत्तीसगढ़ियों का शोषण ऐसे ही नही हुआ, क्या पुलिस, प्रशासन और राजनेताओं के संरक्षण के बिना ये संभव था ?
छत्तीसगढ़ के आदतन अपराधियों की आदतें और पृष्ठभूमि एक जैसी क्यों हैं ? आते ये बाहर से हैं अपराध कर संपत्ति अर्जित करतें हैं ,फिर राजनीतिक कार्यकर्ता बनते हैं ,फिर पार्षदीय तय फिर शहर -शहर अपराधियों का साम्राज्य बनता है, इन अपराधियों को संरक्षण क्या छत्तीसगढ़ियों के शोषण के लिए दिया जाता है ? राजधानी के पंडरी बस स्टैंड में अवैध ईमारत खड़ी है,उच्च न्यायालय ने उसे अवैध घोषित कर निगम को कार्यवाही के लिए कहा है, सालों हो गए पर इसका क्रियान्वयन नही हो रहा, क्योंकि ये भी बोनसाई छत्तीसगढ़िया हैं ,राजनीतिक रूप से सक्षम हैं, ऐसे ही बोनसाई का शिक्षण संस्थान हैं, जिसके उपर बैंक का करोड़ो का कर्जा है, एनपीए हो चूका है ,कुर्की आदेश है ,फिर भी कुछ नही हो रहा । उसकी दशा -दिशा में कोई अंतर नही आ रहा, बोनसाईयों ने छत्तीसगढ़ में निजी विश्व विद्यालय खोलें हैं ,शिक्षा का स्तर तो नही बढ़ा ,डिग्री का स्तर जरुर गिर गया , डिग्री बेचने के आरोपों की भरमार है ,फर्जी डिग्री पैकेज का कमाल है की पैकेज के दम पर न्यायधानी के विधायक बनने का कमाल हो गया था।
कुल सचिव के लिए उम्र भर के विधायकी पेंशन का जुगाड़ हो गया, इन निजी विश्वविद्यालयों के खुलने से किस छत्तीसगढ़िया का भला हो गया? यही हाल स्वास्थ्य का है, निजी अस्पतालों को लुटने का पूरा अधिकार है ,न जाने फिर भी क्यों सरकार अंजान हैं, दवाईयों पर भी यही लूट बेहिसाब है, दवाई कंपनियां तो CGMSC को ठग रहीं, सरकार को चूना लगा रही, जनता की क्या बिसात है ,बोनसाईयों की क्षमता इतनी कि गुरमटिया को दुबराज बना देते, डुप्लीकेट इंसान बना दें ,फिर पान ,बीड़ी ,गुटखा ,सिगरेट, कपड़े, जूते जो बोले उसका अंबार लगा दें ,ऐसे ही तो कमाल हुए लक्ष्मी से घर आबाद हुए, कच्चे केले पका दें ,पक्के को कच्चा बना दें, फल से आपका स्वास्थ्य बिगाड़ दें ,आप विधा बताएं हम बेमौसम बहार लायें, कॉलोनी ऐसी बनाएं की एक एकड़ में EWS नाली सड़क गार्डन की जगह छोड़कर भी एक एकड़ की रजिस्ट्री कराएं।
नजूल और घास की जमीनों पर कब्जे का अधिकार सिर्फ बोनसाईयों का है, बताइए ऐसी कौन सी विधा है, जिसकी विद्या हमारे बोनसाईयों के पास नहीं हैं,छत्तीसगढ़ को प्रगति पथ पर अग्रसर बोनसाईयों ने ही किया है, भिलाई,कोरबा से लेकर हर औद्योगिक क्षेत्र बोनसाईयों के भरोसे ही जिंदा हैं, जब सर्वस्व बोनसाई तो वर्चस्व बोनसाई का क्यों नही? बैंको के एनपीए पर भी बोनसाईयों का एकाधिकार है ,विश्वास ना हो तो बैंको के जिस ब्रांच में जाएंगे वही ये कहानी दोहराई जाएगी। यूं ही नहीं हम इतरा रहे ,व्यवसाय का इत्र है ,जिसे लगा उसकी खुशबू बढ़ा रहे ,असर इतना है की हमी छत्तीसगढ़ी फिल्में बना रहें, छत्तीसगढ़ी कलाकारों को मौन व्रती बना दिया ,सरकार की मज़बूरी है, चंदा और वोटों की हमनें छत्तीसगढ़ चेम्बर वाला माहौल हर जगह बना दिया, चेम्बर छत्तीसगढ़ का छत्तीसगढ़ियों से विहीन पर इसे विहंगम सबको समझा दिया ,परिस्थितियां ऐसी की छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया के नारे में सबको उलझा सबकुछ भुला दिया । अपराध से लेकर व्यवसाय तक और व्यवसाय ऐसा से लेकर अपराध तक ,कौन सा ऐसा मापदंड है जिसमें बोनसाईयों की प्रवीणता पर शक है,परिस्थितियां ऐसी हैं कानून अपनी राह पर चल रहा कभी धीरे -तो कभी फर्राटे भर रहा, इन आहटों में राजनीति छिपी ,जिसमें छुपा भविष्य छत्तीसगढ़ का, छुपा -छुपाई बहुत हुई सीधे हल्ला होगा अब छत्तीसगढ़ का क्योंकि------------------------------- स्वाभिमान छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा है ।
चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी



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