परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद /छुरा :जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छुरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम हीराबतर में निर्माणाधीन पानी टंकी में जल आपूर्ति शुरू होने से पहले ही दरारें नजर आने लगी हैं। नवनिर्मित टंकी की दीवारों और छतों पर पड़ी दरारों ने निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार ने निर्माण कार्य में भारी लापरवाही बरती है और निम्नस्तरीय सामग्री का उपयोग किया गया है। निर्माण के बाद पानी की तराई भी नहीं की गई।
ग्रामवासियों ने बताया कि पानी टंकी का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन जलापूर्ति शुरू होने से पहले ही संरचना में कई स्थानों पर बड़ी-बड़ी क्रैक दिखाई दे रही हैं। इससे टंकी की मजबूती और भविष्य में होने वाले संभावित हादसों को लेकर ग्रामीणों में गहरी चिंता व्याप्त है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा निर्माण स्थल की मॉनिटरिंग ना होने के कारण ठेकेदार द्वारा मनमानी की गई है। गुणवत्ता जांच के अभाव में करोड़ों रुपये की लागत से बनाई जा रही सरकारी परियोजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।
ग्रामीणों ने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने की तैयारी कर ली है और दोषी ठेकेदार व लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते दरारों की मरम्मत और तकनीकी जांच नहीं की गई तो भविष्य में बड़ी दुर्घटना हो सकती है, जिससे गांव की जल आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित होगी।
जल जीवन मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत हो रहा ऐसा कुप्रबंधन प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण निर्माण के दावों को कटघरे में खड़ा करता है। फिलहाल ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने तत्काल जांच कराकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।



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