भाटापारा :शहर और आसपास के क्षेत्रों में लंबे समय से अवैध कब्जों को हटाने के प्रति प्रशासन की ठोस कार्रवाई न होने के कारण भाटापारा क्षेत्र अवैध कब्जाधारियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन गया है। जहां चाहें, जैसे चाहें, लोग कब्जा करते जा रहे हैं। राजस्व, नजूल, कृषि उपज मंडी, नगर पालिका और लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाले कई महत्वपूर्ण स्थानों जैसे खेल मैदान, सड़क किनारे की जमीन, तालाब, गौठान और रेलवे ओवरब्रिज के नीचे के हिस्सों पर लगातार अतिक्रमण बढ़ रहा है।
स्थिति यह है कि अवैध कब्जाधारियों ने कब्रिस्तान तक में अतिक्रमण कर लिया है। रामसप्ताह मंडप के पीछे कईहा तालाब के बड़े हिस्से पर कब्जा हो चुका है। इसी तरह कल्याण सागर तालाब, मयूर स्कूल के सामने स्थित तालाब, मातादेवालय वार्ड का तालाब, पैठू डबरी तालाब और कृषि उपज मंडी के अधीन बड़े भूभाग पर अब तक कब्जा नही हटाया जा सका है
वही भाटापारा के लगातार बढते विस्तारीकरण को देखते हुये जनहित में बिना किसी भेदभाव के अवैध कब्जों पर तत्काल बुलडोजर चलाया जाना आवश्यक हो गया है। शहर में सबसे अधिक अतिक्रमण गुरुनानक वार्ड, पंचशील नगर और टेहका भाठा क्षेत्र में हो रहा है, जिसे रोकने में राजस्व एवं पालिका प्रशासन पूरी तरह विफल साबित हो रहा है।
अवैध कब्जा हटाने का अभियान कुछ क्षण के लिये इस कारण समस्या यथावत
गौरतलब है कि ज्यादातर कब्जा टेहका भाठा गुरुनानक व पंचशील नगर में है
अवैध अतिक्रमण के इस भर्राशाही को देखते हुये शहरवासी यह प्रश्न उठाते हैं कि बस स्टैंड के आसपास बने अवैध कब्जों पर प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रहा है? जबकि यहां पर हमेशा यातायात का दबाव सबसे अधिक होता है और शहर जीरों पाईंट कहलाता है
शहर कि जो सडकें कभी 110फीट कि होती थी आज 40 फीट मे सिमटा
प्रदेश कि सबसे बडी नगरपालिका भाटापारा कि मुख्य सड़क, जो कभी 1935 में भाटापारा नगर पालिका के गठन के समय 110 फीट चौड़ी निर्धारित थी, आज अवैध कब्जों के कारण 40 फीट से भी कम रह गई है।
सड़क के दोनों ओर दुकानदारों और मकान मालिकों ने अवैध निर्माण कर लगभग 70 फीट सड़क की जगह पर कब्जा कर लिया है। यही कारण है कि शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। बचे हुए 40 फीट हिस्से में भी दुकानों के सामान, साइनबोर्ड, विज्ञापन बोर्ड, हाथ ठेले और अन्य व्यवसायिक गतिविधियों का कब्जा रहता है। ऐसे में प्रतिदिन गुजरने वाले 20 हजार से अधिक वाहनों का जाम में फंसना स्वाभाविक रहता है
अवैध अतिक्रमण से हर महिना लाखों कि कमाई परंतु नगरपालिका व राजस्व विभाग को एक रुपये भी नही
गौरतलब है कि शहर मे कई ऐसे बडे बडे अतिक्रमण है जहाँ शहर के सरकारी गोल्डन जमीनों को अवैध कब्जा कर व अवैध निर्माण कार्य कराकर हर महीने किराये के रुप मे कई सालों से लाखों रुपये वसूल रहे है परंतु राजस्व विभाग के रिकार्ड मे शासन के कई हजारों फीट नजुल घास जमीन के अवैध अतिक्रमण होने के कारण अतिक्रमणधारीयो द्वारा नगरपालिका प्रशासन व राजस्व विभाग को किसी भी प्रकार का टेक्स भी नही दिया जाता
बढतें शहरीकरण व विकास योजना के लिये जगह कि कमी पालिका प्रशासन कि चुनौती
गौरतलब है कि शहर का लगातार विस्तारीकरण हो रहा है जिसके चलते शहर को एक व्यवस्थित रुप देने के लिये व शासन के योजनाओं को क्रियान्वित कराये जाने हेतु नगरपालिका प्रशासन को शहर के अंदर खाली सरकारी जमीनों कि तलाश है परंतु आम मध्यम वर्गीय लोगों के साथ साथ कुछ पूंजीपति वर्ग व रसूखदार लोगों ने राजनीतिक संरक्षण व विशेष प्रभाव के चलते कई सरकारी जमीनों पर सालों से अवैध कब्जा कर बैठे है ऐसे लोगों जमीनों कब्जा मुक्त कराकर शहर हित मे अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करना भी पालिका प्रशासन कि सबसे बडी चुनौती है
वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष अश्वनी शर्मा से जनता को उम्मीद
प्रदेश कि सबसे बडी नगरपालिका अध्यक्ष अश्वनी शर्मा से उनके तेज तर्रार व निष्पक्ष भाव व शहर विकास के लक्ष्य को लेकर चलने वाले दृष्टिकोणों को देखते हुये इन अवैध कब्जों को हटाये जाने उम्मीद जताई जा रही है जिसका लाभ कुछ पूंजीपति व रसूखदार लोगों भारी पैमाने पर उठा रहे है और शासन प्रशासन को हर साल राजस्व कि भी नुकसानी उठानी पड रही है



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