पवन कल्याण के बयान पर विवाद,तेलंगाना के नेताओं की चेतावनी,माफी की मांग तेज हुई

पवन कल्याण के बयान पर विवाद,तेलंगाना के नेताओं की चेतावनी,माफी की मांग तेज हुई

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और अभिनेता-नेता पवन कल्याण के एक बयान ने दोनों तेलुगु राज्यों के बीच राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है।पवन कल्याण ने कोनसीमा क्षेत्र में समुद्री पानी से हुई नारियल फसलों की बर्बादी का निरीक्षण करते समय दृष्टि यानी बुरी नजर का जिक्र किया था। तेलंगाना के कुछ नेताओं ने इसे इस तरह लिया कि पवन कल्याण नुकसान के लिए तेलंगाना के लोगों को दोष दे रहे हैं।

कोनसीमा में समुद्री पानी घुसने से हजारों एकड़ नारियल की फसल खत्म हो गई है। पर्यावरणीय नुकसान की चर्चा के दौरान पवन कल्याण ने कहा कि कोनसीमा की हरियाली और खूबसूरती की तारीफ तेलंगाना के लोग भी किया करते थे।उन्होंने आगे कहा कि शायद इस क्षेत्र पर ज्यादा दृष्टि पड़ गई, जिस कारण नारियल के पेड़ भी काले पत्थर की तरह शाप से टूट गए। तेलंगाना के कई नेताओं ने इस बयान को राज्य और जनता का अपमान बताया।

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तेलंगाना मंत्रियों की चेतावनी

तेलंगाना सिनेमाटोग्राफी मंत्री कोमटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने पवन कल्याण पर तीखा हमला बोला। उन्होंने चेतावनी दी, "अगर पवन कल्याण बिना शर्त माफी नहीं मांगते, तो उनकी फिल्में तेलंगाना में कहीं भी नहीं चलने दी जाएंगी।" मंत्री ने कहा कि यह तेलंगाना की दृष्टि नहीं है हमारे लोग तो 60 साल तक आंध्र नेताओं के राज में फ्लोराइड मिला पानी पीने को मजबूर थे।

पशुपालन मंत्री वाकाटी श्रीहारी ने कहा कि पवन कल्याण का बयान राजनीतिक परिपक्वता की कमी दिखाता है और सिर्फ राजनीतिक फायदा लेने के लिए दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पवन कल्याण तेलंगाना की तेज प्रगति को पचा नहीं पा रहे हैं।

कांग्रेस विधायक ने साधा निशाना

कांग्रेस MLA जे. अनिरुद्ध रेड्डी ने भी उपमुख्यमंत्री पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "अगर तेलंगाना ने कोनसीमा पर बुरी नजर डाली है, तो पवन कल्याण हैदराबाद में क्यों रहते हैं?" रेड्डी ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें अपनी हैदराबाद की संपत्तियाँ बेचकर विजयवाड़ा चले जाना चाहिए।

 







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