नई दिल्ली : जानलेवा कोल्ड्रिफ कफ सीरप मामले में ईडी ने जांच में पाया गया है कि सीरप के निर्माता ने दवा तैयार करने के लिए फार्मा-ग्रेड के बजाय औद्योगिक-ग्रेड कच्चे माल का इस्तेमाल किया था। इस सीरप के सेवन से मध्य प्रदेश में 20 बच्चों की मौत हो गई थी।
ईडी ने बुधवार को बताया कि उसने रंगनाथन और उनके परिवार के सदस्यों के चेन्नई स्थित दो फ्लैट कुर्क किए। ये संपत्तियां तमिलनाडु की राजधानी के कोडंबक्कम में स्थित हैं और इनकी कीमत 2.04 करोड़ रुपये है। ईडी ने दावा किया कि तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारी आरोपित कंपनी चेन्नई स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक जी रंगनाथन के लगातार संपर्क में थे, लेकिन फर्म का अनिवार्य वार्षिक निरीक्षण नहीं किया गया। रंगनाथन को मध्य प्रदेश पुलिस ने अक्टूबर में गिरफ्तार किया था।
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एजेंसी ने आरोप लगाया कि श्रीसन फार्मा ने अपनी निर्माण लागत को कम करने और मुनाफा बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर अनुचित व्यापार का सहारा लिया, जो कि मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत अपराध की आय के अलावा और कुछ नहीं है।
जांच में पाया गया कि निर्माता ने दवाओं के निर्माण में उचित गुणवत्ता जांच के बिना, फार्मा-ग्रेड कच्चे माल के बजाय उद्योग-ग्रेड कच्चे माल का इस्तेमाल किया। ईडी ने कहा कि रिकॉर्ड बनाने से बचने के लिए ऐसी सामग्री बिना चालान के नकद में खरीदी जा रही थी।

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