पश्चिम बंगाल OBC लिस्ट समीक्षा: 35 समुदाय हटाने पर केंद्र को सलाह, SC में भी सुनवाई

पश्चिम बंगाल OBC लिस्ट समीक्षा: 35 समुदाय हटाने पर केंद्र को सलाह, SC में भी सुनवाई

पश्चिम बंगाल की ओबीसी सूची में मुस्लिम समुदायों के शामिल करने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। इसी बीच राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने केंद्र सरकार को सिफारिश की है कि पश्चिम बंगाल की केंद्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची से 35 समुदायों को हटा दिया जाए, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम समुदाय हैं।

एनसीबीसी के तत्कालीन अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहिर का कार्यकाल 1 दिसंबर 2025 को समाप्त हुआ। उन्होंने द हिंदू से बातचीत में बताया कि यह सिफारिश राज्य की ओबीसी सूची में मुस्लिम समुदायों की उच्च संख्या को ध्यान में रखते हुए की गई है। उन्होंने कहा कि इस सूची में 35 समुदाय हैं, जिनमें अधिकांश मुस्लिम समुदाय हैं। एक-दो समुदाय गैर-मुस्लिम भी हो सकते हैं। पश्चिम बंगाल में अगले साले विधानसभा चुनाव होने हैं।

केंद्र को जनवरी 2025 में भेजी गई थी सिफारिश

सामाजिक न्याय मंत्रालय ने संसद को सूचित किया कि आयोग ने पश्चिम बंगाल की केंद्रीय ओबीसी सूची से 35 समुदायों को बाहर करने की सलाह जनवरी 2025 में दी थी।हालांकि, उस समय आयोग में केवल एक अध्यक्ष और एक सदस्य मौजूद थे; उपाध्यक्ष का पद रिक्त था। संविधान के 102वें संशोधन के अनुसार, किसी भी समुदाय को सूची में शामिल या बाहर करने के लिए आयोग की सलाह आवश्यक होती है और सलाह पर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभी सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए।

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2014 में सूची में जोड़े गए थे 37 समुदाय; 35 मुस्लिम

सिफारिश उन 37 समुदायों की जांच के बाद आई है जिन्हें 2014 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय ओबीसी सूची में जोड़ा गया था। इनमें से 35 मुस्लिम समुदाय थे। लोकसभा में पूछे गए सवालों के जवाब में मंत्रालय ने 2 दिसंबर 2025 को पुष्टि की कि इनमें से 35 समुदायों को हटाने की सिफारिश की गई है।

केंद्र सरकार के पास नौ राज्यों की सिफारिशें लंबित

सरकारी सूत्रों के अनुसार, सामाजिक न्याय मंत्रालय के पास वर्तमान में नौ राज्यों की ओबीसी सूची में संशोधन से संबंधित एनसीबीसी की सलाह लंबित है। संशोधन होने पर इन्हें संसद में पारित कर राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचित किया जाना आवश्यक होगा।

विपक्ष-शासित राज्यों पर आयोग की विशेष नजर

दिसंबर 2022 में पदभार संभालने के बाद से हंसराज अहिर ने पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों की ओबीसी सूचियों की गहन जांच की।

फरवरी 2023 में पश्चिम बंगाल के दौरे के बाद उन्होंने राज्य की सूची में मुस्लिम समुदायों की अधिक संख्या पर सवाल उठाए थे। आयोग की इस जांच का राजनीतिक असर भी देखने को मिला, जो 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के उस आरोप को बल देता रहा कि विपक्षी दल मुस्लिम समुदायों का ‘तुष्टीकरण’ कर रहे हैं।







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