सुप्रीम कोर्ट ने SIR के दौरान BLO की मौतों पर दिए कई बड़े निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने SIR के दौरान BLO की मौतों पर दिए कई बड़े निर्देश

चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे वोटर लिस्ट के विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान (SIR) के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) पर बढ़ते काम के प्रेशर और आत्महत्या के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने आज 4 दिसंबर 2025 यानी गुरुवार को गंभीर चिंता व्यक्त की।

मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग और राज्य सरकारों पर कई बड़े और चिंताजनक सवाल खड़े किए।

CJI सूर्यकांत ने उठाये ये सवाल

सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की तरफ़ से कहा गया कि एक BLO को 30 दिनों में अधिकतम 1200 फॉर्म भरने ही होते हैं, इसलिए इसे अधिक दबाव नहीं माना जा सकता। इस पर CJI सूर्यकांत ने तगड़ा सवाल किया "क्या 10 फॉर्म एक दिन का बोझ हैं?" इसी दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा "सर, यह 10 नहीं 40 फॉर्म हर दिन के होते हैं। एक बिल्डिंग में 100 लोग रहते हैं, लिफ्ट नहीं है, हर मंज़िल पर चढ़ना पड़ता है… यह मेहनत का काम है।"

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ECI की दलील पर कोर्ट की नाराज़गी

चुनाव आयोग की तरफ़ से पेश वकील ने तर्क दिया कि 70 साल के लोग भी सीढ़ियां चढ़ सकते हैं, इसलिए यह मुद्दा 'अनावश्यक राजनीतिक बहस' बनाया जा रहा है। इस पर कोर्ट सख्त हो गया और राज्य सरकारों को आदेश देते हुए कहा "यदि BLO को समस्याएं हो रही है, तो राज्यों का दायित्व है कि वे ज्यादा कर्मचारी उपलब्ध कराएं।"

सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश जारी

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि:

- राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त कर्मचारी अपने वैधानिक कर्तव्य निभाएं।

- अगर BLO पर काम का बोझ ज़्यादा है, तो अतिरिक्त सपोर्ट स्टाफ की तुरंत व्यवस्था की जाए।

बिहार का उदाहरण आया सामने

सुनवाई में CJI सूर्यकांत ने बिहार में SIR अभियान के नतीजे का जिक्र करते हुए कहा "पुनरीक्षण में न कोई घुसपैठिया मिला और न फर्जी वोटर… यह राहत की बात है। हम भी विदेशी और फेक वोटरों को लेकर चिंतित थे, लेकिन SIR ने आशंकाओं को दूर किया है।"

BLO की आत्महत्या के मामलों पर कोर्ट ने उठाये सवाल

कोर्ट ने हाल के आत्महत्या मामलों पर चिंतित प्रतिक्रिया देते हुए कहा "राज्यों को तत्काल और अभी से स्थितियाँ सुधारने की आवश्यकता है। यह सिर्फ कार्य नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है और कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोपरि है।" बता दे, इस सुनवाई के बाद ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव आयोग और राज्य सरकारों को अब SIR प्रक्रिया में BLO के लिए नए सिस्टम, संसाधन और कार्यप्रणाली पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।







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