अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर साल पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत 7 दिसंबर 2025 को रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा करने और उन्हें उनका प्रिय भोग लगाने से जीवन में शुभता आती है। आइए यहां जानते हैं कि भगवान गणेश को कौन-सा भोग लगाना चाहिए?
भगवान गणेश के प्रिय भोग
मोदक
मोदक भगवान गणेश का सबसे प्रिय भोग है। ऐसे में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर बेसन, चावल के आटे या आटे से बने 11 या 21 मोदक का भोग जरूर लगाएं। इसे अर्पित करते समय जीवन में खुशियां और सफलता आती है।
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बूंदी या बेसन के लड्डू
भगवान गणेश को बूंदी व बेसन के लड्डू बहुत प्रिय है। कहा जाता इन्हें अर्पित करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। साथ ही रिश्तों में मधुरता आती है।
केला और गुड़
गणेश जी को केला फल और गुड़ मिठास का भोग लगाने से घर में धन और सुख-समृद्धि का वास होता है। इसके साथ ही सभी कामों में सफलता मिलती है।
शकरकंद
शकरकंद भूमि के नीचे उगने वाला कंद है और इसे सात्विक फलाहार में शामिल किया गया है। ऐसे में संकष्टी चतुर्थी के दिन उबली हुई या भूनकर शकरकंद का भोग लगाने से सभी विघ्न दूर होते हैं और अटके हुए काम पूरे होते हैं।
पूजन मंत्र

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