पाकिस्तान में राजनीतिक खींचतान और पर्दे के पीछे के लंबे मोलभाव के बाद आखिरकार फील्ड मार्शल असीम मुनीर देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस (CDF) बन गए हैं। इस पद का नोटिफिकेशन जारी होते ही, तीनों सेनाओं के सर्वेसर्वा बने असीम मुनीर तुरंत एक्शन में आ गए हैं।राष्ट्रपति भवन में इस घोषणा के बीच, उन्होंने पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में देश को आश्वस्त करने की कोशिश की।
असीम मुनीर ने कहा, "सब ठीक है। यह सब आपके सामने है। चीजें अब सुधार की ओर बढ़ रही हैं और पाकिस्तान अब से नई ऊंचाई को छूने जा रहा है।" हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि असीम मुनीर ने नेताओं पर जबरदस्त दबाव डालकर और पाकिस्तानी सेना को बड़े-बड़े सपने दिखाकर यह पद हासिल किया है। अब माना जा रहा है कि मुनीर अपनी छवि को 'विजेता' के तौर पर स्थापित करने के लिए भारत और तालिबान को निशाना बना सकते हैं।
ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी -पक्ष -विपक्ष मस्त,छत्तीसगढ़िया पस्त है
'शानदार प्रदर्शन' की आड़ में सत्ता का शिखर
पाकिस्तान सरकार ने दावा किया है कि पाकिस्तानी सेना के भारत के खिलाफ 'शानदार' प्रदर्शन को देखते हुए असीम मुनीर को सीडीएफ बनाया गया है। लेकिन जियो न्यूज की रिपोर्ट बताती है कि मुनीर के सामने देश की आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर गंभीर चुनौतियाँ हैं।
सैन्य असफलताएं: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी सेना की जमकर पिटाई हुई है। इसके अलावा, तालिबानी सेना ने जवाबी हमले में दर्जनों पाकिस्तानी सैनिकों को मार दिया है।
आंतरिक विद्रोह: टीटीपी और बलूच विद्रोही लगातार पाकिस्तानी सैनिकों को मार रहे हैं, जिससे सेना की भारी किरकिरी हो रही है।
राजनीतिक दबाव: देश में रिकॉर्ड बेरोजगारी है और इमरान खान के समर्थक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे असीम मुनीर को खतरा महसूस हो रहा है।
इन तमाम असफलताओं के बीच, सेना प्रमुख का सीडीएफ बनना विश्लेषकों के लिए हैरानी की बात है।
नवाज शरीफ और जरदारी के साथ 'सीक्रेट डील'
असीम मुनीर की ताजपोशी का नोटिफिकेशन जारी करने में हुई देरी को नवाज शरीफ, शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति जरदारी के साथ हुई लंबी मोलभाव का नतीजा माना जा रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नवाज शरीफ से हरी झंडी मिलने के बाद देर रात नोटिफिकेशन राष्ट्रपति जरदारी के पास भेजा, जिसे मंजूरी मिल गई। असीम मुनीर का कार्यकाल 5 साल का होगा। वहीं, वायुसेना प्रमुख जहीर अहमद बाबर सिद्धू का कार्यकाल भी दो साल के लिए बढ़ाया गया है।
पाकिस्तानी पीएम के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने जियो न्यूज से कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से सीडीएफ बहुत ही महत्वपूर्ण संस्था होने जा रहा है, जिसके लिए कानून में बदलाव किया गया है। हालांकि, उन्होंने माना कि सीडीएफ के लिए नियम और शर्तें अभी तय नहीं की गई हैं। वहीं, विश्लेषकों का कहना है कि नवाज शरीफ फिर से पीएम बनना चाहते हैं और इसके बदले में वह सेना में मुनीर का डिप्टी अपने करीबी अधिकारी को बनवाना चाहते थे। दोनों पक्षों में डील होने के बाद ही यह नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
भारत और कश्मीर पर खतरा
असीम मुनीर के सीडीएफ बनने के बाद भारत को आगे आने वाले समय में बेहद संभलकर रहना होगा। विश्लेषकों का मानना है कि असीम मुनीर एक जिहादी सोच वाला जनरल है। अपनी छवि को मजबूत करने और आंतरिक विद्रोह से ध्यान भटकाने के लिए वह भारत को निशाना बना सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि खास तौर पर कश्मीर में हालात खराब हो सकते हैं और सीमा पार से तनाव बढ़ने की आशंका है। इसके अलावा, मुनीर की डोनाल्ड ट्रंप के साथ भी 'दोस्ती' बताई जाती है, जिससे वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की रणनीति में भी बदलाव आ सकता है। मुनीर खुद को 'विजेता' साबित करने के लिए सीमा पर बड़ी सैन्य कार्रवाई की कोशिश कर सकते हैं।

Comments