रायगढ़ : रायगढ़ में रिंग रोड निर्माण की तैयारी अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। करीब 20 किमी लंगे रिंग रोड के लिए भू-अर्जन में 70 करोड़ रुपए लगेंगे। पीडब्ल्यूडी ने इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा है।मंजूरी मिलने के बाद विस्तृत डीपीआर बनाकर भेजा जाएगा। चौड़े रायगढ़ शहर के चारों ओर रिंग रोड का घेरा तैयार होना है। भारी वाहनों को शहर की सीमा से दूर रखने की योजना पर काम तेजी से चल रहा है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर यह लंबित प्रोजेक्ट पीडब्ल्यूडी को दिया गया है। पहले प्रोजेक्ट एनएच के पास था लेकिन वहां से कोई काम आगे नहीं बढ़ा। कलेक्टर के निर्देश पर प्रभावित गांवों में जमीन खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया था।
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एलाइनमेंट भी फाइनल हो चुका है लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। रायगढ़ और पुसौर तहसील के 11 गांवों को चिह्नित कर जमीन खरीदी-बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया था। पंजीयन विभाग को इन गांवों में रजिस्ट्री न करने के निर्देश दिए गए थे। भारी वाहनों के बढ़ते ट्रैफिक को शहर से दूर रखने के लिए रिंगरोड का निर्माण प्रस्तावित है। सरकार ने भी बजट में रायगढ़ में रिंगरोड को मंजूरी दी है। रायगढ़ से गुजरने वाले दोनों एनएच को रिंगरोड से जोड़ा जाएगा। पुसौर तहसील के दर्रामुड़ा, गुड़गहन, नवापाली, रायगढ़ तहसील के जुर्डा, पंडरीपानी, गोपालपुर, भिखारीमाल, टारपाली, लामीदरहा, आमापाल और भेलवाटिकरा से होकर रिंगरोड गुजरेगा।
मतलब इंदिरा विहार के पास से रिंगरोड सीधे जुर्डा के पास जुड़ेगा। इधर ओडिशा रोड पर एनएच 49 से इसे जोड़ा जाएगा। निजी जमीनों का रकबा देखते हुए भूमि अधिग्रहण में 70 करोड़ रुपए मुआवजा देना पड़ेगा। इसका प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी ने मुख्यालय को भेज दिया है। रिंग रोड की लंबाई करीब 20 किमी होगी। इसमें तीन फ्लाईओवर बनाने की योजना है जिससे भारी वाहन आसानी से निकल जाएं। शहर के ट्रैफिक को अलग रखा जाएगा। करीब चार-पांच बड़े पुलों का निर्माण होगा। पूरी रोड कांक्रीट की बनेगी। रिंग रोड प्रोजेक्ट में करीब 400 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

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