महिला डीएसपी ने किया हनी ट्रैप

महिला डीएसपी ने किया हनी ट्रैप

रायपुर : छत्तीसगढ़ की महिला उप पुलिस अधीक्षक पर हनी ट्रैप का सगीन आरोप लगा है, व्यापारी दीपक टंडन की पत्नी बरखा टंडन ने रायपुर के खम्हारडीह थाने में दर्ज शिकायत ने छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे को हिला दिया है। मामले में राज्य पुलिस सेवा की महिला DSP कल्पना वर्मा पर व्यापारी दीपक टंडन ने प्यार का जाल बुनकर ब्लैकमेलिंग, रिश्वत लेने और धमकाने के गंभीर आरोप (Raipur DSP Scandal) लगाए हैं। 2016-17 बैच की DSP कल्पना, माना थाने की पूर्व CSP और DSP-ATS रह चुकीं हैं। वर्तमान में वह दंतेवाड़ा में पोस्टेड हैं।

छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय से लेकर मैदानी इलाकों में पुलिस तंत्र कानूनन और सामाजिक अपराधों का बड़ा अड्डा बन गया है। आम अपराधियों की तर्ज पर वर्दी में अपराधों का सिलसिला थामे नहीं थम रहा है। सुनियोजित अपराधों और षड्यंत्रों में वर्दी पर लग रहे दाग काफी गंभीर बताये जाते है। सवाल उठ रहा है, कि पुलिस तंत्र के भीतर आपराधिक छवि के अधिकारियों पर आखिर लगाम कब कसी जाएगी। राज्य में आला पुलिस अफसरों के “प्रेम-प्रसंगों ” से जनता हैरान है। यह हम नहीं कह रहे है, बल्कि ऐसे अपराध आए दिन पुलिस महकमें से ही सामने आ रहे है। जिसके चलते पुलिस की छवि पर भी संकट मंडराने लगा है। छत्तीसगढ़ कैडर के कई वरिष्ठ आईपीएस अफसरों के प्यार- मोहब्बत के चक्कर की अनूठी दास्तान आपने देखी और सुनी होगी। लेकिन अब राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की भी रास लीलाएं सामने आ रही है। लेकिन ये पवित्र नहीं बल्कि सामाजिक और कानूनी अपराधों के दायरे में बताई जाती है। पुलिस महकमें में आपसी रिश्तो में प्यार और तकरार आम बात है। इसे प्रेम की गंगा के रूप में देखा जाता है, लेकिन अब ऐसे प्रकरण गंभीर अपराध की शक्ल ले रहे है। तो एक बार फिर रूबरू होइए, एक नई प्रेम कहानी से। इसमें पहले प्यार और फिर तकरार के साथ साजिश और धोखा सब कुछ नजर आ रहा है।

छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय में पदस्थ दर्जनों प्रेमी किस्म के आईपीएस अधिकारियों की तर्ज पर अब राज्य सेवा संवर्ग में भी लवेरिया का फैलाव सामने आया है। इसमें एक महिला DSP की कारगुजारियाँ सामने आई है,इस दास्तान में वो सब कुछ है,जो बॉलीवुड में मसाला फ़िल्मों में नजर आता है। मतलब, प्यार, इज़हार, साजिश और धोखा। इसी तर्ज पर एक DSP और उसके हमदर्द की कहानी सामने आई है। पीड़ित शख्स के मुताबिक,इस महिला DSP का पहले प्यार और फिर धोखा और ब्लैकमेलिंग से उसकी शादी-शुदा जिंदगी दांव पर लग चुकी है। वो कंगाल हो गया है, DSP से प्यार इतना महंगा पड़ेगा, उसने इसकी कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन कल्पना अब उसके गले की फ़ांस बन चुकी है। शिकवा – शिकायतों से जुड़ा मामला थाने तक जा पहुंचा है। लेकिन पुलिस के हाथ भी बंधे के बंधे नजर आ रहे है। पीड़ित की माने तो DSP के खिलाफ थाना प्रभारी जाँच और कार्यवाही से परहेज कर रहे है। उन्होंने मामला हाई-प्रोफाइल करार देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। मसला, प्रभावशील महिला DSP का   

बताया जाता है।

यह भी बताया जा रहा है,कि शातिर हसीना को SP से लेकर ADG तक का भर-भरपूर संरक्षण प्राप्त है। जोड़-तोड़ में माहिर प्रभावशील आईपीएस अफसरों के साथ DSP के मधुर संबंध पीड़ित और उसके परिवार पर कहर बन कर टूट रहा है। पीड़ित शख़्स ने जहां थाने में महिला DSP के खिलाफ शिकायत की है, वही महिला DSP के भाई ने भी दीपक नामक शख़्स के खिलाफ शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है। दोनों पक्षों की एक दूसरे के खिलाफ शिकायत का मामला सिर्फ गंभीर ही नहीं, बल्कि वर्दी पर लगातार लगते दाग़ का नया नमूना भी बताया जा रहा है।

ये तस्वीरें है, महिला DSP कल्पना वर्मा की, इन तस्वीरों में बेहद खूबसूरत और चुस्त -दुरुस्त नजर आ रही कल्पना वर्मा राजधानी रायपुर से लेकर नक्सल प्रभावित बस्तर रेंज में विभिन्न इलाकों में पदस्थ रही है। हालाँकि, आसान नौकरी और सुविधाजनक स्थान में पदस्थापना के लिए पुलिस मुख्यालय ने उनकी गुहार बड़ी आसानी से दर्ज होती है। उसे सुनने के लिए पुलिस मुख्यालय जरा भी देरी नहीं करता। क्योकि,इस DSP की मनमानी पर रोक लगाना आम अधिकारियों के बूते के बाहर की बात बताई जाती है। सूत्र तस्दीक करते है, कि मनचाही पोस्टिंग के लिए 20 लाख की रिश्वत देने से भी पीछे नहीं रहती कल्पना वर्मा। सरकारी ट्रांसफर आदेश को संशोधित कर उसके स्थान पर मनचाहे स्थान पर पोस्टिंग कराना कल्पना का बायें हाथ का खेल बताया जाता है।

महिला DSP कल्पना वर्मा की अब इन तस्वीरों को देखिए। इन तस्वीरों में भी उनकी खूबसूरत चार चाँद बिखेर रही है। काफी आकर्षक नजर आ रही कल्पना का अब नया अवतार भी देखिये, वर्दी की हनक के बाद इस लिबाज में चकाचौंध कर देने वाली ये तस्वीरें भी कम रोचक नहीं है। लेकिन इन तस्वीरों के पीछे का सच जानकर आप जानकर हैरान रह जाएंगे। कल्पना की उड़ान सीधे आसमान की ओर दिखाई दे रही है। महज चंद वर्षों की नौकरी में लाखों-करोड़ो के हीरे और जवाहरात से लदी नजर आ रही कल्पना अब सवालों के घेरे में है। यह भी जानकर आप फूले नहीं समाएँगे, कि कल्पना की ख़ूबसूरती को निखारने के लिए उनके बॉयफ्रेंड ” दीपक” ने तन -मन और धन से अपनी प्रेम कहानी की नींव रखी थी। लेकिन मंजिल करीब आती, उसके पहले ही एक दूसरे के अरमानो पर पानी फिर गया। इस प्रेम कहानी की नई इबारत शिकवा – शिकायतों ही नहीं, बल्कि धोखा, विश्वासघात और साजिश में तब्दील नजर आ रही है।

कल्पना और दीपक का मेल-मिलाप इन दिनों सुर्ख़ियों में है। पहले प्रेम-प्यार और अब संबंधो में दरार दोनों बीच जंग का मैदान बन गया है। दीपक और कल्पना की ओर से एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खुल गया है, दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ रायपुर के खम्हारडीह थाने में शिकायते दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है। बताया जाता है, कि थाने में शिकायत किए लम्बा समय बीत गया है।

लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। स्थानीय थाना प्रभारी के हाथ थमे की थमे हुए है। जबकि पीड़ित परिवार की माने तो DSP कल्पना ने दीपक को चेतावनी जारी कर दी है,इसमें उसने साफ़ कर दिया है, कि जल्द ही उसके खिलाफ शिकायते वापस नहीं ली गई तो दीपक को फर्जी प्रकरणों में फंसा कर जेल दाखिल करा दिया जाएगा। पीड़ित परिवार अब दीपक के लिए न्याय की गुहार लगा रहा है। दीपक की पत्नी बरखा ने अपनी शिकायत में आपबीती सुनाई है, उधर दीपक भी विवाद सुलझाने के लिए पुलिस के आला अफसरों से लेकर गणमान्य नागरिकों के दरवाजे खटखटा में जुटा हुआ है।

करोड़ों लुटा बैठा प्यार में –

दीपक की माने तो महिला DSP कल्पना से प्यार और धोखे की दास्तान खत्म होते-होते वो करीब ढाई करोड़ से ज्यादा की रकम गँवा बैठा है। उसने बाकायदा बैंक और ऑनलाइन पेमेंट के जरिये जमकर प्यार का बोझ उठाया था। लेकिन इस प्यार के बदले में उसे धोखा,साजिश और नफ़रत का सामना करना पड़ रहा है। उसके मुताबिक, कल्पना के दबाव के चलते उसे रायपुर के VIP रोड में स्थित एटमॉस्फेरिया होटल उसके भाई के नाम रजिस्ट्रड करना पड़ा था।

उसके मुताबिक, इस होटल की खरीदी के लिए उसने बैंक के जरिये मोटी रकम अदा की थी। लेकिन ब्लैकमेल कर DSP कल्पना ने खुद नाम मात्र की रकम लगभग 30 लाख अदा कर यह होटल अपने भाई के नाम रजिस्ट्रड करवा ली थी।

यही नहीं 12 लाख की हीरे की अंगूठी, 10 लाख का ब्रेसलेट, 5-5 लाख की सोने की चैन,कान के टॉप्स, बेशकीमती कपड़ो के अलावा शॉपिंग मॉल के आये दिन के लाखों के पेमेंट उसके द्वारा भुगतान किया जाता था।

शिकायत के मुताबिक, दीपक की पत्नी बरखा के नाम खरीदी गई 22 लाख की टोयोटा हाइराइडर गाड़ी भी DSP कल्पना ने अपने कब्जे में ले लिया है। जबकि इस गाड़ी के सभी वैधानिक दस्तावेज उसकी पत्नी बरखा के नाम दर्ज बताये जाते है। दीपक की माने तो प्यार के नाम पर धोखा कर इस महिला DSP ने उसे करोड़ों का चूना लगा दिया है। प्यार के नाम पर ब्लैकमेलिंग और लगातार बढ़ती मांग के चलते अब उसका परिवार तनाव में है।

लिहाज़ा, दीपक की पत्नी बरखा ने थाने में शिकायत कर अपने पति को महिला DSP के चंगुल से छुड़ाने की गुहार लगाई है।

प्यार पर नोटों की खनक पड़ी भारी

जानकारी के मुताबिक, दीपक और कल्पना के बीच करीब दो साल तक रिश्ते काफी मधुर रहे। लेकिन उनकी शादी को लेकर मामला उस समय उलझ गया जब दीपक ने अपनी पत्नी को तलाक देने से इंकार कर दिया। उसने कल्पना को अपने बीवी-बच्चो का हवाला देकर प्रेम संबंध बनाये रखने की दलीले भी दी। उसके मुताबिक, कल्पना उसके प्यार में पागल थी। कल्पना का दीपक और उसके परिवार के साथ मेल-मुलाकात काफी घनिष्ट था। दोनों एक दूसरे के ठिकानों पर एक दम सामान्य रूप से मेल-मुलाकात करते थे। कल्पना भी भली-भांति जानती थी ,कि दीपक के परिवार में पत्नी और दो बच्चे शामिल है। बावजूद इसके दोनों के बीच प्रेम की पींगे बढ़ती चली गई। कल्पना और दीपक का प्यार रोजाना नई ऊचाईयां तय कर रहा था। इस दौरान फैशनेबल लिबाज, हीरे और सोने के जेवरात कल्पना की पहली पसंद बन गए थे। नियमित सैर- सपाटा और शॉपिंग मॉल में खरीदी और मनोरंजन उनकी दिनचर्या का खास हिस्सा बन गया था।

दीपक की माने तो प्यार की ये दास्तान उस समय भंवर में फंस गई जब कल्पना रातों-रात अरबों की मालकिन बनने का ख़्वाब देखने लगी। वो ब्लैकमेलिंग पर उतर आई, इसके बाद प्यार अचानक तकरार में बदलने लगा,फिर दोनों के बीच दूरियाँ बढ़ने लगी। पीड़ित के मुताबिक, एक दिन कल्पना ने एक मैसेज कर उसका दिन का सुकून और रात का चैन छीन लिया। इस मैसेज में कल्पना ने उसे अपनी पत्नी से दूर रहने और उसे फ़ौरन तलाक देकर उससे शादी करने का फरमान सुना दिया था। दीपक के मुताबिक, उसकी पारिवारिक स्थिति से वाकिफ कल्पना ने जानबूझ कर उसे अपना निशाना बनाया, उसका मकसद शादी की आड़ में उससे रकम ऐंठना था। उसके मुताबिक, DSP कल्पना ने पहले उसे प्यार में फंसाया और फिर कंगाल बना कर छोड़ दिया।

कल्पना पर मेहरबान अफसरों की लम्बी फेहरिस्त –

कल्पना वर्मा रायपुर के माना थाने की CSP रह चुकी है। वो वर्ष 2016 -17 बैच की छत्तीसगढ़ पुलिस संवर्ग की उप पुलिस अधीक्षक स्तर की अधिकारी है। कांग्रेस राज में उनका जलवा देखते ही बनता था। यह भी बताया जाता है, कि भू-पे राज में कई योग्य अधिकारियों को दरकिनार कर कल्पना को DSP-ATS की महत्वपूर्ण जवाबदारी सौंपी गई थी। तस्दीक की जा रही है, कि पुलिस ट्रेनिंग खत्म हुए होते ही कल्पना को रायपुर में पदस्थ रखने के लिए आईपीएस अधिकारियों के बीच जंग छिड़ गई थी। उन्हें फर्स्ट पोस्टिंग के दौरान नक्सल प्रभावित इलाकों से बचाते हुए महासमुंद और रायपुर के माना जैसे मैदानी इलाकों में पदस्थ किया गया था। यही नहीं तमाम नियमों को दरकिनार कर DSP-ATS जैसे वरिष्ठ पद पर तैनात कर दिया गया था।

सूत्रों के मुताबिक पुलिस के एक प्रभावशील अधिकारी (शेख आरिफ) ने कल्पना की इच्छाओं की पूर्ति के लिए जोड़-तोड़ कर नया संशोधन आदेश जारी कर उनका तबादला रद्द करवा दिया था। राज्य में पहली बार 38 उप पुलिस अधीक्षकों का बस्तर रेंज तबादला किया गया था। लेकिन एक मात्र भाग्यशाली अधिकारी सिर्फ कल्पना ही थी, जिनका तबादला निरस्त कर रायपुर में उनकी पोस्टिंग बहाल रखी गई थी। अलबत्ता पुरस्कृत कर कल्पना को ATS में वरिष्ठ पद पर पदस्थ कर दिया गया था। हालाँकि,बीजेपी शासनकाल में उन्हें एक बार फिर रायपुर से बस्तर रेंज स्थानांतरित किया गया है। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग दंतेवाड़ा में बताई जाती है। यहाँ भी उनका जलवा कांग्रेस राज की तर्ज पर बरक़रार बताया जाता है।

जानकारी के मुताबिक, दंतेवाड़ा कार्यस्थल छोड़ आये दिन रायपुर में बगैर नंबर वाली सरकारी एवं अन्य लग्जरी गाड़ी में सैर- सपाटे में नजर आना DSP कल्पना की कार्यप्रणाली का खास हिस्सा बताया जाता है। एक जानकारी के मुताबिक,आईपीएस आनंद छाबड़ा और आईपीएस शेख आरिफ के अलावा ASP अभिषेक महेश्वरी से भी कल्पना का करीब का नाता बताया जाता है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, भूपेश राज के इस दौर में इन तीनों ही अधिकारियों की महादेव ऑनलाइन सट्टा समेत अन्य घोटालो से कमाई गई अवैध रकम को सुनियोजित रूप से ठिकाने लगाने की जवाबदारी बतौर DSP-ATS प्रभारी कल्पना को सौंपी गई थी।

सूत्रों के मुताबिक, रायपुर के तत्कालीन आईजी 2001 बैच के आईपीएस आनंद छाबड़ा की स्वर्ण भूमि रिहायशी परिसर में बेशकीमती ज़मीन और भवन की बेनामी खरीद -फरोख्त के मामले में कल्पना की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसके मुताबिक, रायपुर के समता कॉलोनी में रहने वाले एक डॉक्टर के नाम स्वर्ण भूमि परिसर में खरीदी गई कई बेनामी अचल संपत्तियां आनंद छाबड़ा की बताई जाती है। सूत्र तस्दीक करते है, कि इसी तर्ज पर कल्पना ने तत्कालीन आईजी शेख आरिफ और ASP अभिषेक महेश्वरी की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति की खरीद- फरोख्त में कारगर भूमिका निभाई थी। विभिन्न घोटालों को लेकर इन अधिकारियों के ठिकानों पर पूर्व में ED और CBI छापेमारी कर चुकी है। इन प्रकरणों की जाँच अभी भी जारी है। ऐसे समय महिला DSP का “अर्थशास्त्र” उच्चस्तरीय जाँच के दायरे में है। सूत्र तस्दीक करते है, कि वर्दी की आड़ में DSP कल्पना ने भी चंद वर्षों में अवैध संपत्ति का साम्राज्य खड़ा कर लिया है।

दीपक की मानें तो DSP कल्पना ने प्यार के जाल में फंसाने के बाद रकम दोगुना करने का प्रलोभन दिया था। उसने कई आला अधिकारियों के साथ मिलकर मोटी रकम निवेश की है। इस कारोबार में विश्वास कर उसने भी ढाई करोड़ के ज्यादा रकम कल्पना के सुपुर्द की थी। इस लेन-देन से जुड़ी मोबाईल चैट इसकी तस्दीक भी कर रही है। कभी नगदी तो कभी बैंक के जरिये दीपक से मोटी रकम की प्राप्ति का लेन -देन सामने आया है। इसमें DSP कल्पना के सगे भाई के नाम कई गैर कानूनी सौंदे भी शामिल बताये जाते है।

छत्तीसगढ़ के पुलिस महकमे की खाकी वर्दी को दागदार बनाने में दागी अफसरों ने कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी है। राज्य का पुलिस महकमा कानूनन और सामाजिक अपराधों के मकड़ जाल में उलझ गया है। जबकि मैदानी अमले की तर्ज पर “छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय ” में भी प्रेम-प्रसंग आम बताया जाता है। अमर्यादित रास लीलाओं से पुलिस की छवि लगातार धूमिल हो रही है। इसके पूर्व पुलिस मुख्यालय में कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के प्रेम-प्रसंग सामने आ चुके है। बदले दौर में आम जनता भी अब पुलिस महकमे और उसके तंत्र को जनता के रक्षक और सेवक के नहीं बल्कि प्रेम पुजारी के रूप में देखने लगे है।

इसकी वजह भी साफ़ है, दरअसल, इस तरह के मामले सामने आने पर आम लोगों पर पुलिस का कहर टूटने में ज़रा भी वक्त नहीं लगता। लेकिन जब बात महकमें की हो तो कानून का राज स्थापित करने वाला तंत्र ही अपनों के प्यार में डूब जाता है। प्रेमी किस्म के अधिकारियों पर वरिष्ठों की जबरदस्त रूप से मेहरबानी बरसने से कभी प्यार ही प्यार, तो कभी तकरार ही तकरार जैसे मामले सामने आ रहे है।







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