खुशियों को खुद से दूर धकेलती हैं ये 5 आदतें, आज ही छोड़ने में है समझदारी

खुशियों को खुद से दूर धकेलती हैं ये 5 आदतें, आज ही छोड़ने में है समझदारी

 हम अक्सर दूसरों की 'बुरी नज़र' से बचने के लिए काला धागा बांधते हैं या दरवाजे पर नींबू-मिर्ची लटकाते हैं। जब भी मन उदास होता है या काम बिगड़ता है, तो हमारा पहला शक बाहर वालों पर जाता कि "जरूर किसी ने टोक दिया होगा।" ऐसे में, आज एक कड़वे सवाल का सामना कीजिये... क्या यह मुमकिन है कि वह 'बुरी नजर' किसी पड़ोसी या रिश्तेदार की नहीं, बल्कि खुद आपकी हो?

जी हां, यह पढ़ने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन सच यही है। कई बार हमारे दुखों की वजह हमारे हालात नहीं, बल्कि जीने का हमारा गलत तरीका होता है। हम अनजाने में रोज कुछ ऐसी गलतियां करते हैं जो दीमक की तरह हमारी मानसिक शांति को चाट जाती हैं।

दूसरों से अपनी तुलना करना

कहा जाता है कि तुलना खुशी की चोर है। आज के सोशल मीडिया के दौर में हम दूसरों की 'एडिट की हुई' तस्वीरों और रील को देखकर अपनी असली जिंदगी को कम आंकने लगते हैं। हम यह भूल जाते हैं कि हर किसी की जिंदगी का सफर अलग है। दूसरे की थाली में क्या है, यह देखने के चक्कर में हम अपनी थाली का खाना ठंडा कर रहे हैं।

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी -पक्ष -विपक्ष मस्त,छत्तीसगढ़िया पस्त है 

'परफेक्ट' समय का इंतजार करना

"मैं खुश तब होऊंगा जब..."- यह एक ऐसा जाल है जिसमें हम सब फंसे हैं। हम सोचते हैं कि जब सब कुछ 'परफेक्ट' हो जाएगा, तब हम मुस्कुराएंगे, लेकिन दोस्त, जिंदगी कभी भी 100% परफेक्ट नहीं होती। खुश रहने के लिए सही समय का इंतजार मत कीजिये, जो समय अभी आपके हाथ में है, उसे ही सही बना लीजिये।

खुशी की चाबी दूसरों को सौंपना

क्या आपका मूड इस बात पर निर्भर करता है कि सामने वाले ने आपसे कैसे बात की? अगर हां, तो आपने अपनी खुशी का रिमोट कंट्रोल किसी और के हाथ में दे रखा है। जब हम दूसरों से बहुत ज्यादा उम्मीदें लगा लेते हैं, तो दुख मिलना तय है। याद रखें, दूसरे लोग आपकी जिंदगी का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन आपकी पूरी खुशी नहीं। अपनी खुशी की जिम्मेदारी खुद लें।

पुरानी बातों को पकड़ कर रखना

अतीत एक ऐसी जगह है जहां जाना तो ठीक है, लेकिन वहां रहना खतरनाक है। अगर आप आज भी 5 साल पहले हुई किसी गलती या किसी के दिए हुए धोखे को याद करके दुखी हो रहे हैं, तो आप अपने 'आज' के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं। माफ करना सीखें- दूसरों के लिए नहीं, बल्कि अपनी खुद की शांति के लिए। बोझ लेकर पहाड़ चढ़ना मुश्किल होता है, उसे उतार दीजिये।

ये भी पढ़े : अखुरथ संकष्टी पर करें ये काम,मिलेगा बप्पा का आशीर्वाद

जो पास है, उसकी कद्र न करना

हम अक्सर उन चीज़ों की गिनती करने में बिजी रहते हैं जो हमारे पास नहीं हैं, और उन चीज़ों को भूल जाते हैं जो हमारे पास हैं। एक अच्छी सेहत, सर पर छत और प्यार करने वाला परिवार- ये वो दौलत है जो हर किसी को नसीब नहीं होती। शिकायतें करने के बजाय 'शुक्रिया' कहने की आदत डालें। आप देखेंगे कि दुनिया अचानक खूबसूरत लगने लगी है।

खुश रहना कोई मंज़िल नहीं है, यह एक सफर है। आज ही एक वादा खुद से करें- दूसरों को, किस्मत को या हालात को दोष देना बंद करें। नजरिया बदलें, खुशियां अपने आप आपकी तरफ खिंची चली आएंगी।







You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments