संयुक्त पट्टे से आदिवासी महिला का नाम फर्जी तरीके से हटाने का मामला उजागर

संयुक्त पट्टे से आदिवासी महिला का नाम फर्जी तरीके से हटाने का मामला उजागर

परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद/छुरा :ग्राम पंचायत कुड़ेरादादर के आश्रित आमापारा निवासी आदिवासी महिला पान बाई गोंड, पति स्वर्गीय विष्णु राम गोंड़ के संयुक्त जमीन पर्चा से नाम आनलाइन रिकॉर्ड से फर्जी तरीके से हटाए जाने का मामला सामने आया है। पीड़िता के अनुसार राजस्व रिकॉर्ड में उन्हें बिना उनकी जानकारी व सहमति के पट्टे में नाम रहते हुए ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से उनका नाम हटा दिया गया था, जिससे उनके भूमि अधिकारों पर संकट उत्पन्न हो गया।

 

महिला ने बताया कि संबंधित भूमि में नाम वर्षों से संयुक्त पर्चा में दर्ज थी, लेकिन अचानक ऑनलाइन रिकॉर्ड में उनका नाम गायब पाया गया। जब इसकी जानकारी उन्हें हुई तो उन्होंने तत्काल आपत्ति दर्ज कराई और मामले से ग्राम पंचायत को अवगत कराया।

 

मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्राम पंचायत के सरपंचों एवं ग्राम प्रमुखों ने हस्तक्षेप किया और राजस्व विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर पूरे प्रकरण की जांच की मांग की। पंचायत प्रतिनिधियों के दबाव और महिला की आपत्ति के बाद संबंधित पटवारी द्वारा पुनः रिकॉर्ड की जांच की गई, जिसमें त्रुटि पाए जाने पर संयुक्त पर्चा में आनलाइन रिकॉर्ड में पान बाई गोंड का नाम दोबारा जोड़ा गया। वहीं पिड़ित महिला की मानें तो उनके नाम पर तहसील कार्यालय में जो आवेदन और दस्तावेज जमा किया गया था उसका उन्हें जानकारी नहीं है और नहीं उस आवेदन में वह हस्ताक्षर किया है। वह हस्ताक्षर किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा फर्जी रुप से किया गया है।

संबंधित पटवारी से जानकारी लेने पर बताया गया कि परिवार के किसी व्यक्ति के द्वारा फौती के लिए आवेदन लगाया जाता है उस आधार पर हम काम करते हैं। साथ ही महिला अपनी एक बेटी है उसका नाम भी उसमें जुड़ना था लेकिन वह अभी नहीं जुड़ पाया है। जबकि नियमत: दोनों का नाम फौती में एक साथ जुड़ जाता।

 

इस घटना के बाद क्षेत्र में ऑनलाइन राजस्व रिकॉर्ड में हो रही गड़बड़ियों को लेकर ग्रामीणों में चिंता का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि बिना संबंधित हितग्राही की जानकारी के नाम हटाना गंभीर लापरवाही है और इससे गरीब व आदिवासी परिवारों को अपने हक के लिए बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

 

ग्रामीणों एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी भी नागरिक के भूमि अधिकारों के साथ इस प्रकार की अनियमितता न हो और ऑनलाइन सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहे। इस घटना को लेकर पिड़ित महिला और स्थानीय जनप्रतिनिधि इस प्रकार फर्जी रुप काम करने वाले व्यक्ति के ऊपर चांज कर उचित कानूनी कार्रवाई हेतु तहसीलदार और अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपने की तैयारी में है जिसके बाद आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा कि आखिर किस व्यक्ति के द्वारा इस प्रकार फर्जी रुप से आवेदन दस्तावेज जमा कर यह कार्य कराया जा रहा था और प्रशासन उन पर क्या कार्यवाही करती है और इसमें कितने और कौन-कौन लोग शामिल हैं।







You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments