नई दिल्ली : पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) को अपने प्राइवेटाइजेशन प्रोसेस में एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि फौजी फर्टिलाइजर कंपनी लिमिटेड ने सीलबंद बोलियां जमा करने की डेडलाइन से ठीक पहले औपचारिक रूप से अपना नाम वापस ले लिया है।
जियो न्यूज के मुताबिक, प्राइवेटाइजेशन कमीशन के अधिकारियों ने बताया कि फौजी फर्टिलाइजर ने शनिवार को जरूरी पैसा जमा नहीं किया और कमीशन को अपना नाम वापस लेने के फैसले के बारे में बता दिया है। अब तीन बिडर रेस में बचे हैं और 23 दिसंबर तक सीलबंद बोलियां जमा करेंगे।
अब कौन-कौन से बिडर बचे?
बाकी बोली लगाने वालों में एयरब्लू (प्राइवेट) लिमिटेड; लकी सीमेंट, हब पावर होल्डिंग्स, कोहाट सीमेंट और मेट्रो वेंचर्स के नेतृत्व वाला एक कंसोर्टियम और आरिफ हबीब कॉर्पोरेशन के नेतृत्व वाला एक और कंसोर्टियम शामिल है, जिसमें फातिमा फर्टिलाइजर, सिटी स्कूल्स, लेक सिटी होल्डिंग्स और एकेडी ग्रुप होल्डिंग्स शामिल हैं।
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अधिकारियों ने कहा कि फौजी फर्टिलाइजर के पीछे हटने से उसे बाद में किसी सफल संघ में शामिल होने की फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है, यह एक ऐसा विकल्प है जो अगर उसने औपचारिक रूप से बिड सबमिट की होती तो उपलब्ध नहीं होता।
क्या है प्रक्रिया?
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, प्राइवेटाइजेशन प्लान के तहत पीआईए में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए बोलियां मंगाई जा रही हैं और जीतने वाले बोली लगाने वाले को सरकार के पास मौजूद बाकी 25 प्रतिशत शेयर खरीदने के लिए 90 दिन का विकल्प दिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि यह एयरलाइन 78 जगहों के लिए फ्लाइट्स ऑपरेट करती है और इसके पास लगभग 170 इंटरनेशनल लैंडिंग स्लॉट हैं। इसे अपने ऑपरेशन्स को फिर से शुरू करने के लिए तुरंत नए इन्वेस्टमेंट और प्रोफेशनल मैनेजमेंट की जरूरत है।

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