पौष माह में आने वाली विनायक चतुर्थी को विघ्नेश्वर चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पर गणेश जी के निमित व्रत करने और पूजा-पाठ करने से साधक को प्रत्येक क्षेत्र में सफलता मिलती है व सिद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप इस दिन पर किस तरह गणेश जी को प्रसन्न कर सकते हैं।
गणेश जी का पूजा मुहूर्त
विघ्नेश्वर चतुर्थी के दिन पर शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -
चतुर्थी मध्याह्न मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 19 मिनट से दोपहर 1 बजकर 11 मिनट से
इस दिन चंद्रोदय देखने की भी मनाही होती है, जो कुछ इस प्रकार रहेगा -
वर्जित चंद्रोदय का समय - सुबह 10 बजकर 16 मिनट से रात 9 बजकर 26 मिनट तक
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अर्पित करें ये चीजें
विघ्नेश्वर चतुर्थी के दिन व्रत करें और विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करें। इसके साथ ही पूजा में आप गणपति बप्पा को दूर्वा, सिंदूर, लाल फूल, जनेऊ, सुपारी आदि अर्पित कर सकते हैं। इस दिन भोग के रूप में गणेश जी को मोदक, केले, मौसमी फल, बेसन के लड्डू और मीठा पूरन पोली आदि अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से साधक को बुद्धि व सुख-समृद्धि के साथ-साथ सभी कष्टों से भी मुक्ति मिलती है।
गणेश जी के मंत्र
विघ्नेश्वर चतुर्थी के दिन आप गणेश जी को प्रसन्न करने व उनकी कृपा प्राप्ति के लिए आप इस दिन पर पूजा में गणेश जी के मंत्रों का जप भी जरूर करें। इससे साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है -
1. 'श्री गणेशाय नम:'
2. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
3. "ऊं गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा"
4. गणेश गायत्री मंत्र - ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
5. गणेश बीज मंत्र - "ऊ गं गणपतये नमः"
ध्यान रखें ये बातें
विघ्नेश्वर चतुर्थी के दिन इस बात का ध्यान जरूर रखें कि गणेश जी को तुलसी का पत्ता अर्पित नहीं करना चाहिए। ऐसा करना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता। इस दिन पर अगर आप व्रत नहीं भी कर रहे हैं, तो तामसिक भोजन के सेवन से बचना चाहिए। साथ ही इस दिन पर काले रंग के कपड़े पहनने से भी बचना चाहिए। इन सभी बातों का ध्यान रखने से आपको शुभ परिणाम मिलते हैं।

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