रायगढ़ : छग स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी को आवंटित कोल ब्लॉक गारे पेलमा सेक्टर 3 के भू-अर्जन में हुआ घोटाला ईओडब्ल्यू के पास भेजा गया है लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकी है। तत्कालीन एसडीएम अशोक मार्बल और पटवारी जितेंद्र पन्ना को सस्पेंड किया गया था। विधानसभा में फिर से बजरमुड़ा मामला उठा तो पता चला कि संबंधित विभागों ने एसीबी को आरोपी अधिकारियों से पूछताछ करने की अनुमति दी है। रायगढ़ जिले ने भूअर्जन घोटालों में सबसे बड़ा बजरमुड़ा घोटाला है। सरकारी कंपनी सीएसपीजीसीएल को सुनियोजित तरीके से नुकसान पहुंचाया गया। इसका असर कोयला खनन की लागत पर पड़ा है।
जांच रिपोर्ट में मुआवजा पत्रक को दोषपूर्ण बताते हुए संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय जांच व अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी। असिंचित भूमि को सिंचित बताकर, पेड़ों की संख्या ज्यादा दिखाकर, टिन शेड को पक्का निर्माण बताकर, बरामदे, कुएं, पोल्ट्री फार्म आदि का मनमानी मुआवजा आकलन किया गया। परिसंपत्तियों के आकलन में ज्यादा गड़बड़ी की गई। तत्कालीन एसडीएम अशोक मार्बल की संलिप्तता इसमें उजागर हुई है। रायगढ़ निवासी दुर्गेश शर्मा की शिकायत पर राज्य सरकार ने जांच टीम बनाई थी।मिलूपारा, करवाही, खम्हरिया, ढोलनारा और बजरमुड़ा में 449.166 हे. पर लीज स्वीकृत की गई। इसमें लीज क्षेत्र के अंतर्गत 362.719 हे. और बाहर 38.623 हे. भूमि पर सरफेस राइट के तहत भूअर्जन किया गया।
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जुलाई 2020 को प्रारंभिक सूचना प्रकाशित की गई। 22 जनवरी 2021 को अवार्ड पारित किया गया। इसमें केवल बजरमुड़ा के 170 हे. भूमि पर 415.69 करोड़ मुआवजा दिया गया। राज्य स्तरीय टीम की जांच में घपला प्रमाणित हुआ जिसके बाद दोषियों के विरुद्ध अपराध दर्ज करने का आदेश दिया गया था, लेकिन सरकार ने प्रकरण एसीबी-ईओडब्ल्यू को भेजने का आदेश दिया। तब से प्रकरण ठंडे बस्ते में है। विधानसभा सत्र में विधायक पुरंदर मिश्रा ने घपले पर कार्रवाई को लेकर प्रश्न पूछे। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि तत्कालीन एसडीएम अशोक मार्बल और पटवारी जितेंद्र पन्ना को सस्पेंड किया गया था। इसके अलावा अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की अनुमति एसीबी ईओडब्ल्यू को दी गई है।
अब तक एक से भी पूछताछ नहीं
तत्कालीन एसडीएम घरघोड़ा अशोक मार्बल को सरकार दो बार सस्पेंड कर चुकी है। सर्वे टीम में शामिल तत्कालीन तहसीलदार बंदेराम भगत, आरआई मूलचंद कुर्रे, वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी संजय भगत, पीएचई के दो सहायक अभियंता देवप्रकाश वर्मा व आरके टंडन से पूछताछ और जांच के लिए एसीबी ईओडब्ल्यू को अनुमति दी गई है। पीडब्ल्यूडी एसडीओ केपी राठौर, सब इंजीनियर धर्मेंद्र त्रिपाठी, तहसीलदार टीआर कश्यप, बीटगार्ड रामसेवक महंत, चितराम राठिया वन परिक्षेत्र अधिकारी तमनार को नोटिस जारी किया गया था। जवाब को एसीबी को भेजा गया है। बलराम प्रसाद पडि़हारी परिक्षेत्र सहायक खम्हरिया वृत्त वन विभाग रिटायर हो चुके हैं।
108 हे. पर संशोधित गणना पत्रक तैयार
राजस्व मंत्री ने जवाब दिया है कि बजरमुड़ा के 167 हे. निजी भूमि में से 108 हे. का संशोधित गणना पत्रक तैयार किया गया है। शेष 58 हे. पर कार्यवाही चल रही है। एसीबी ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की है। बजरमुड़ा के बाद बाकी तीन गांवों में भी जांच हो सकती है। इस घोटाले पर अपराध दर्ज होना शेष है। एसडीएम घरघोड़ा से प्रतिवेदन भेजे जाने के बाद ही प्रकरण दर्ज होगा। अभी तक यह तय नहीं हो सका है कि किसने-किसने कितने करोड़ का अवैध मुआवजा पाया है। यह मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला है।

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