जिला पंचायत सामान्य सभा का बहिष्कार, 15वें वित्त की राशि रोकने पर फूटा आक्रोश

जिला पंचायत सामान्य सभा का बहिष्कार, 15वें वित्त की राशि रोकने पर फूटा आक्रोश

आरंग :जिला पंचायत रायपुर में आज आयोजित सामान्य सभा की बैठक उस समय हंगामेदार हो गई, जब 7 जिला पंचायत सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। सदस्यों ने सरपंचों को 15वें वित्त आयोग की राशि पिछले 10 माह से जारी नहीं होने, पंचायतों के विकास कार्य ठप पड़ने,धान का रकबा संशोधन न होने,एग्री टेक पोर्टल में किसानो का फौत हो जाने के आवेदनों का कैरी फॉरवर्ड ना होने,मनरेगा में मानव दिवस कम करने,विभिन्न स्कूलों में सायकल वितरण न होने,हॉस्पिटलों में रेट लिस्ट का डिस्प्ले नहीं होने,ज़मीन गाइड लाइन बढ़ाने ,आवास के हितग्राहियों का किस्त जारी नहीं होने सहित अन्य गंभीर जनहित के मुद्दों को लेकर शासन-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।बैठक से बाहर निकलते हुए जिला पंचायत सदस्य वतन चन्द्राकर ने सरकार के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि गांवों के विकास से जुड़ी पंचायतें आर्थिक संकट से जूझ रही हैं, लेकिन शासन को इसकी कोई चिंता नहीं है।वतन चन्द्राकर ने कहा कि 15वें वित्त की राशि पंचायतों की जीवनरेखा है। इसी राशि से नाली, सड़क, पेयजल, स्वच्छता, बिजली, सामुदायिक भवन, मरम्मत व अन्य मूलभूत कार्य कराए जाते हैं।

ये भी पढ़े : मुखिया के मुखारी -पक्ष -विपक्ष मस्त,छत्तीसगढ़िया पस्त है 

10 महीने से राशि रोके जाने से पंचायतें पंगु हो गई हैं, सरपंचों की छवि जनता के बीच खराब हो रही है और गांवों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।यशवंत साहू ने आरोप लगाया कि बार-बार ज्ञापन, प्रस्ताव और मौखिक आग्रह के बावजूद सरकार और प्रशासन आंख मूंदे बैठे हैं।हरि शंकर निषाद ने कहा की यह स्थिति दर्शाती है कि विकेंद्रीकरण और ग्राम स्वराज की बात करने वाली सरकार जमीनी हकीकत से कट चुकी है।बैठक के बहिष्कार के दौरान जिन प्रमुख मुद्दों को उठाया गया, उनमें 15वें वित्त की राशि का लंबे समय से भुगतान नहीं पंचायतों में विकास कार्य ठप,सरपंचों को आर्थिक व प्रशासनिक संकट स्वीकृत कार्यों की लंबित भुगतान प्रक्रिया पंचायत कर्मियों को मानदेय संबंधी समस्याएं ग्रामीण योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही जिला स्तर पर जवाबदेही का अभाव शामिल हैं।वतन चंद्राकर ने कहा कि यदि आज भी आवाज नहीं उठाई जाती, तो पंचायत व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाती।

बैठक का बहिष्कार चेतावनी है, आंदोलन नहीं। यदि शीघ्र राशि जारी नहीं की गई और समस्याओं का समाधान नहीं हुआ,तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।जिला पंचायत सदस्यों ने मांग की है कि 15वें वित्त की बकाया राशि तत्काल जारी की जाए, पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त किया जाए और जिला स्तर पर लंबित समस्याओं का समयबद्ध निराकरण हो।बैठक में हुए इस बहिष्कार से जिला पंचायत की कार्यप्रणाली और सरकार की प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। अब देखना होगा कि शासन इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है।बहिष्कार करने वालो में मुख्य रूप से वतन चन्द्राकर,यशवंत साहू,हरि शंकर निषाद,कविता हेमंत कश्यप,भीनू सुजीत घिधौड़े,पूजा लोकमणि कोसले रहे।







You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments