सकट चौथ जिसे 'संकष्टी चतुर्थी' या 'तिलकुट चतुर्थी' भी कहा जाता है। यह तिथि माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पड़ती है। यह व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छी सेहत और सुखद जीवन की कामना के लिए रखती हैं। भगवान गणेश को 'विघ्नहर्ता' भी कहा जाता है, जो भक्तों के सभी संकटों को हर लेते हैं। ऐसी मान्यता है कि सकट चौथ के दिन अगर बप्पा को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाया जाए, तो उनकी विशेष कृपा मिलती है। आइए जानते हैं -
सकट चौथ व्रत के भोग
तिल के लड्डू (तिलकुटा)
सकट चौथ का सबसे मुख्य प्रसाद 'तिलकुटा' है। भुने हुए सफेद या काले तिल को गुड़ के साथ कूटकर बनाए गए लड्डू बप्पा को अर्पित करें। इसे चढ़ाने से शनि और सूर्य की कृपा मिलती है। साथ ही गणेश जी खुश होते हैं।
मोदक
"मोदकप्रियं मंगलदायकं" मंत्र के अनुसार गणेश जी को मोदक सबसे अधिक प्रिय हैं। ऐसे में सकट चौथ पर बप्पा को मोदक का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से जीवन में शुभता का आगमन होता है।
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शकरकंद
सकट चौथ की पूजा में शकरकंद का भोग जरूर शामिल करना चाहिए। ऐसा करने से रिश्तों में मधुरता आती है।
गन्ने और बेर
इस मौसम में मिलने वाले फल जैसे - गन्ना, बेर और अमरूद भी पूजा की थाली में शामिल किए जाते हैं। ऐसा करने से संतान से जुड़ी मुश्किलें दूर होती हैं।
पूजा विधि

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