कोंडागांव : हरे भरे पेड़ों को बस्तर संभाग से अवैध कटाई कर राजधानी के मिलोफैक्ट्रीयों में खपाए जाने का सिलसिला अब भी लगातार बदस्तूर जारी है, बीती देर शाम 23 दिसंबर सोमवार को कोंडागांव दक्षिण वन मंडल के वनोपज जांच नाका में एक ऐसी ही गाड़ी पकड़ मे आई जो सेमल की लकड़ी अवैध तरीके से परिवहन कर रही थी वन विभागीय प्रथम दृष्टि जांच में उक्त परिवहन किऐ जा रहे सेमल के पेड़ के कटाई एवं परिवहन के दस्तावेज में संदेह होने पर उक्त माजदा वाहन क्रमांक 04PH4587 पर जांच हेतु वन विभाग ने जप्ती की कार्यवाही की है, मिली जानकारी अनुसार उक्त वाहन दंतेवाड़ा गदापाल से परिवहन करना बताया जा रहा है।
आखिर वनोपज जांच नाकाओं को चकमा दे कर कैसे पार हो जा रही हैं सैकड़ो गाड़ियां राजधानी तक प्रतिदिन
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वन विभाग के द्वारा वन उपज की अवैध परिवहन व तस्करी रोकने के लिए कई चेक पोस्ट बनाए गए हैं जिसमें बाकायदा अधिकारी व कर्मचारी बैठकर निगरानी करते हैं, यह जांच का विषय एवं विभाग के लिए चिंतन का विषय है कि आखिर दंतेवाड़ा से एक गाड़ी कोंडागांव तक पहुंच जाती है बगैर किसी वनोपज जाँच नाका से जांच की मोहर लगाएं बिना आखिर कैसे,क्या शासकीय अधिकारी कर्मचारी किसी दबाव के चलते गाड़ियों को बगैर जांच के ही छोड़ दे रहे हैं या तस्कर कोई और ही पैतरा अपना रहे हैं यह गंभीर मामला है एवं जांच का विषय भी क्योंकि दंतेवाड़ा से कोंडागांव के बीच में पांच से अधिक चेक पोस्ट पड़े होंगे लेकिन एक में भी उक्त वाहन की जांच नहीं होना यह बहुत बड़े विभागीय नाकामी को जन्म देता है।व ऐसा ही चला रहा तो आने वाले दिनों में बस्तर से आम जामुन और प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाले सेमल के वृक्ष विलुप्त हो जाएंगे जिसकी जिम्मेदारी कहीं ना कहीं वन एवं राजस्व विभाग की ही होगी बहरहाल अब देखने वाली बात है कि बीती रात में पकड़े अवैध परिवहन कर रहे वाहन पर वन विभाग कितनी सख्त कार्यवाही कर पाता है जिससे कि इस प्रकार की अवैध परिवहन पर रोक लगाया जा सके और अवैध लकड़ी तस्करो के हौसले पस्त किया जा सके।

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