राजनांदगांव : डोंगरगढ़ क्षेत्र में आदिवासी भूमि के कथित फर्जी हस्तांतरण का गंभीर मामला सामने आया है। ग्राम बधिया टोला, डोंगरगढ़ निवासी आदिवासी ईश्वर नेताम की भूमि को फर्जी दस्तावेजों और कथित रूप से गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर हड़पने का आरोप लगाया गया है। इस पूरे प्रकरण को लेकर एसडीएम डोंगरगढ़ के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर आदिवासी को न्याय दिलाने की मांग की गई है।आवेदन के अनुसार, ईश्वर नेताम के नाम दर्ज भूमि ग्राम राजकट्टा, डोंगरगढ़, पटवारी हल्का नंबर 29/39, राजस्व मंडल चौथना, तहसील व जिला राजनांदगांव में स्थित है। आरोप है कि अभय उमरेडकर पिता बालमुकुंद ने स्वयं को जाति हल्बा दर्शाते हुए उक्त भूमि अपने नाम पर दर्ज कराई। बाद में उसी भूमि की वसीयत अपनी मां के नाम कर दी गई।
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आवेदन में उल्लेख है कि अभय उमरेडकर मराठी ब्राह्मण बताए जा रहे हैं। उनकी माता नेहा उमरेडकर उर्फ निहारिका पति निलय उमरेडकर, जाति ब्राह्मण, निवासी अमलीपारा अम्लीडिह, रायपुर के नाम पर उक्त भूमि की वसीयत कराई गई और बाद में यह जमीन रायपुर निवासी ऊषा अग्रवाल को कथित रूप से करोड़ों रुपये में विक्रय कर दी गई।
मामले में यह भी आरोप लगाया गया है कि बिना कलेक्टर की अनुमति के आदिवासी भूमि का गैर-आदिवासी को विक्रय किया गया, जो कि नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। आवेदन में यह भी उल्लेख है कि अभय उमरेडकर के भाई निलय उमरेडकर द्वारा भी डोंगरगढ़ क्षेत्र में कथित रूप से गलत पहचान के आधार पर जमीन खरीदी गई है।आवेदक पक्ष का कहना है कि यह पूरा मामला आदिवासी के साथ छल और धोखाधड़ी का है। पीड़ित आदिवासी की भूमि उसे वापस दिलाने तथा कथित फर्जीवाड़ा करने वालों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की मांग की गई है।बताया गया है कि इस प्रकरण की अगली पेशी 24 दिसंबर 2025 को आदेश के लिए निर्धारित है। अब सभी की नजरें प्रशासनिक निर्णय और न्यायिक कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।

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