छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ एकजुट हुआ सर्व हिंदू समाज, छत्तीसगढ़ बंद कर दिखाया एकता का दम

छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के खिलाफ एकजुट हुआ सर्व हिंदू समाज, छत्तीसगढ़ बंद कर दिखाया एकता का दम

रायपुर : कांकेर जिला के आमाबेड़ा में ईसाई मिशनरियों और भीम आर्मी द्वारा जनजातीय हिंदू समाज के साथ हुई हिंसक हमला के मामले में हुए छत्तीसगढ़ बंद का व्यापक असर रायपुर और इलाकाई क्षेत्रों में दिखा। बुधवार की सुबह ठंड की सर्दी के बीच सर्व समाज के हजारों युवा, तरुण और महिला वर्ग के जन आक्रोश के स्वर की गर्मी से पूरा समाज आंदोलित हो गया। धर्मांतरण के खिलाफ लोगों का आक्रोश इस कदर सर चढ़कर बोल रहा था कि शहर का कोना - कोना बंद हो गया। रायपुर का प्रमुख व्यापारिक केंद्र, गोल बाजार, मालवीय रोड, एम जी रोड, शास्त्री बाजार, टाटीबंध, तेलीबांधा, मोवा, कबीरनगर, रायपुरा , बीरगांव नगर सम्पूर्ण शहर जैसे थम सा गया। पूरे शहर में बंद के दौरान शहर के नल घर चौक पर आयोजित विशाल जनसभा आयोजित की गई। इस सभा में धर्मांतरण के खिलाफ सर्व समाज के सामाजिक नेताओं ने खुलकर धर्मांतरण के खिलाफ और कांकेर के आमाबेड़ा से उत्पन्न स्थिति पर समाज को चेताया । 

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विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्र के मठ मंदिर प्रमुख और प्रखर वक्ता चंद्रशेखर वर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ को धर्मांतरण मुक्त करना होगा। इसके लिए इन ईसाइयों की चाल को समझकर धर्मांतरित करनेवालों के खिलाफ समाज को खड़ा होना होगा। हमें अपने लोगों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कार, सेवा का काम अपने समाज के लोग ही करें इसके के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना है। उन्होंने कांकेर की घटना के आरोपित एस पी, तहसीलदार और अन्य अधिकारियों की बर्खास्तगी की मांग की। उन्होंने कहा कि अवैध चर्च और प्रार्थना सभा को बंद करने की जिम्मेदारी समाज को उठाना होगा। सभा को संबोधित करते हुए वनवासी कल्याण समिति के सदस्य राजीव शर्मा ने कहा कि क्रिश्चियन धर्म को बढ़ावा देकर जनजातीय संस्कृति के खिलाफ काम किया जा रहा है, जिसके लिए आवश्यक है कि धर्मांतरण के खिलाफ विधेयक लाई जाय ताकि छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज की अस्मिता की रक्षा की जा सके।  उन्होंने सुकमा के एक कलेक्टर द्वारा जारी धर्मांतरण से उपजनेवाली समस्या की चेतावनी और वर्ष 1954 के जस्टिस नियोगी की उस रिपोर्ट का उल्लेख किया जिसमें यह कहा गया था कि ईसाइयों द्वारा धर्मांतरण किया जा रहा है। 

धर्म जागरण संयोजिका भारवी वैष्णव ने प्रखरता से कहा कि सेवा करना मानवता है परंतु इसकी आड़ में ईसाइयों द्वारा धर्मांतरण कराया जाता है तो प्रश्न उठता है। कार्यक्रम का मंच संचालन विहिप के प्रांत अधिकारी घनश्याम चौधरी ने किया तो वहीं आभार प्रकटीकरण विश्वदिनी पाण्डेय ने किया। अंत में सर्व समाज के नेतृत्व में हजारों की संख्या में रैली निकली जो कलेक्टर परिसर पहुंची। वहां समाज के प्रमुख जनों ने अपना ज्ञापन सौंपा तथा अपनी मांगों को पूरा करने का दबाव बनाया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, महापौर मीनल चौबे, सामाजिक समरसता सह प्रमुख सदाशिव गोफन, विहिप रायपुर अध्यक्ष भगवती शर्मा  सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।

सर्व समाज द्वारा रायपुर कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में यह की गई मांग - 
1. राज्य में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक को यथाशीघ्र और सख्ती से लागू किया जाय । 
2. कांकेर में जनजातीय समाज के ऊपर संगठित हमले के जिम्मेदार भीम आर्मी और कन्वर्टेड ईसाई पर कठोरतम धाराओं पर कार्रवाई हो। 
3. जनजातीय समाज के लोगों के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने तथा शांतिपूर्ण ग्रामीणों पर असंगत एवं अत्यधिक पुलिस बल का प्रयोग करने के गंभीर आरोपों को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक, कांकेर इंदिरा कल्याण एलेसेला का शासन द्वारा किया गया स्थानांतरण पर्याप्त नहीं है। हमारी मांग है कि उन्हें तत्काल निलंबित किया जाए तथा उनकी संदिग्ध भूमिका की स्वतंत्र निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

4. हाव दफन की प्रक्रिया के दौरान पक्षपातपूर्ण प्रशासनिक रवैया अपनाने तथा हिंदू समाज पर दुर्भावनापूर्ण एवं असत्य असोप लगाने वाले एसडीएम ए. एस. पैकरा एवं तहसीलदार सुधीर खलखो को निलंबित कर उनकी संदिग्ध भूमिका की निश्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए।

5. जनजातीय ग्रामीणों के विरुद्ध पक्षपातपूर्ण ढंग से की गई पुलिस एवं प्रशासनिक कार्रवाइयों को तत्काल निरस्त किया जाए, उन पर लगाए गए आपराधिक प्रकरणों एवं धाराओं को वापस लिया जाए, तथा हिंसा एवं बल प्रयोग से पीड़ित प्राभीणों को समुचित मुआवजा प्रदान किया जाए।







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