बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ बंगाल में विरोध तेज

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ बंगाल में विरोध तेज

कोलकाता : बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और भीड़ द्वारा एक हिंदू युवक दीपू दास की बर्बर हत्या से देशभर में फैले आक्रोश के बीच घटना के खिलाफ बंगाल में विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है।विरोध प्रदर्शन बुधवार को भारत-बांग्लादेश सीमा तक पहुंच गया। बर्बर हत्या के विरोध में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बंगाल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के कई भूमि बंदरगाहों (चेकपोस्टों) पर बांग्लादेश से आने-जाने वाले आयात-निर्यात ट्रकों का रास्ता रोककर विरोध प्रदर्शन किया।दूसरी ओर, हावड़ा जिले में प्रदर्शन के दौरान पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हो गई, जिसमें कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए।

सनातनी ऐक्य परिषद व अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पड़ोसी देश में हिंदुओं पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित दक्षिण एशिया के सबसे बड़े एकीकृत चेकपोस्ट आइसीपी पेट्रापोल और आइसीपी घोजाडांगा से लेकर मालदा के मनोहरपुर मुचिया सहित उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी के फुलबाड़ी और कूचबिहार के चेंगराबांधा चेकपोस्टों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

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विरोध प्रदर्शन में भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल थे। उत्तर 24 परगना में भाजपा विधायक अशोक कीर्तनिया ने जयंतपुर बाजार से पेट्रापोल सीमा की ओर एक जुलूस का नेतृत्व किया। हालांकि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने प्रदर्शनकारियों को जीरो प्वाइंट के पास रोक दिया और उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए अवरोधक लगा दिए।

प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध जताया। मार्च के दौरान कीर्तनिया ने कहा कि पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों को सुनिश्चित किए जाने तक बांग्लादेश प्रशासन को सबक सिखाने के लिए सीमा व्यापार निलंबित रखना चाहिए।







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