बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में नियम विरुद्ध ‘अटैचमेंट’ (संलग्नीकरण) के खेल पर ब्रेक लगना शुरू हो गया है।स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव के सख्त तेवर और हालिया फटकार का असर बिलासपुर संभाग में साफ देखने को मिल रहा है।बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने एक कड़ा आदेश जारी करते हुए जिले में किए गए सभी अटैचमेंट को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही सभी शिक्षकों को उनकी मूल शाला (Original School) में कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।दरअसल, यह पूरा मामला बीते दिनों बिलासपुर में आयोजित शिक्षा विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक से जुड़ा है।
बैठक के दौरान मंत्री गजेंद्र यादव ने जब कोटा ब्लॉक के विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) से शिक्षकों के अटैचमेंट को लेकर सवाल पूछे, तो अधिकारी ने केवल एक अटैचमेंट होने की जानकारी दी।मंत्री ने जब फाइलों के हवाले से पूछा कि “कितना अटैचमेंट है, क्या मैं गिनाऊं?” और संख्या छह तक पहुंची, तो बीईओ नरेंद्र मिश्रा घबरा गए।
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मंत्री की नाराजगी और निलंबन की चेतावनी सुनकर बीईओ बैठक हॉल में ही चक्कर खाकर गिर पड़े और बेहोश हो गए। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। इस घटना ने विभाग के भीतर मचे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की पोल खोल दी।
मंत्री के कड़े रुख के बाद बिलासपुर डीईओ ने सक्रियता दिखाते हुए जिले के सभी बीईओ को निर्देश जारी किए हैं। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जिले में संलग्नीकरण के माध्यम से मूल शाला से बाहर कार्यरत सभी शिक्षकों का अटैचमेंट तत्काल निरस्त किया जाता है।
सभी शिक्षकों को 24 घंटे के भीतर अपनी मूल पदस्थापना वाली शाला में उपस्थिति देनी होगी। आदेश का पालन सुनिश्चित करने के बाद सभी बीईओ को दो दिनों के भीतर जिला कार्यालय में अनुपालन रिपोर्ट पेश करनी होगी।

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