बेमेतरा टेकेश्वर दुबे : जिला मुख्यालय बेमेतरा से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित नवागढ़ विकासखंड के हाई स्कूल मैदान में आज से तीन दिवसीय राज्य स्तरीय ओपन पंथी नृत्य प्रतियोगिता एवं गुरु घासीदास लोककला महोत्सव 2025 का भव्य और गरिमामय शुभारंभ हुआ। यह आयोजन मानव-मानव एक समान, समानता, एकता, भाईचारा और सद्भाव का संदेश देने वाले सतनाम पंथ के संस्थापक, छत्तीसगढ़ के महान संत शिरोमणि परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास जी की 269वीं जयंती के पावन अवसर पर आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ गुरु असमदास गुरु गोसाई द्वारा परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य मंत्री दयालदास बघेल मुख्य रूप से उपस्थित रहे। मंचासीन अतिथियों एवं संत समाज की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन की शोभा को और अधिक बढ़ा दिया। यह राज्य स्तरीय आयोजन 26, 27 एवं 28 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें पंथी नृत्य प्रतियोगिता के साथ-साथ लोककला, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और सामाजिक संदेशों से ओत-प्रोत कार्यक्रमों की श्रृंखला देखने को मिलेगी। महोत्सव का उद्देश्य बाबा गुरु घासीदास जी के विचारों—सत्य, अहिंसा, समानता, सामाजिक समरसता और मानवता—को जन-जन तक पहुंचाना है।
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अपने संबोधन में गुरु असमदास गुरु गोसाई ने कहा कि परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास जी ने समाज को छुआछूत, भेदभाव और कुरीतियों से मुक्त करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा, “बाबा गुरु घासीदास जी का ‘मानव-मानव एक समान’ का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है। हमें उनके बताए मार्ग पर चलकर समाज में एकता, भाईचारा और सद्भाव को मजबूत करना चाहिए।
महोत्सव के प्रथम दिवस पर राज्य के 19 जिलों से आए 31 पंथी नृत्य दलों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियां दीं। पारंपरिक वेशभूषा, ढोल-नगाड़ों की गूंज और पंथी नृत्य की लयबद्ध प्रस्तुतियों ने पूरे परिसर को भक्तिमय और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर कर दिया। लोक कलाकारों की जीवंत प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, वहीं दर्शकों ने तालियों और उत्साह के साथ कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। आयोजन स्थल पर आमजन की सुविधा और मनोरंजन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। बच्चों के लिए झूले, खेल-खिलौने, मनोरंजन स्टॉल लगाए गए हैं। इसके साथ ही खान-पान के विभिन्न प्रकार के स्टॉल भी लगाए गए हैं, जहां स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ अन्य स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं। इससे हर आयु वर्ग के लोगों के लिए यह आयोजन खास और यादगार बन गया है।
गुरु घासीदास लोककला महोत्सव न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंच है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक विरासत और लोक परंपराओं के संरक्षण का भी प्रतीक है। आयोजकों ने आमजन से अधिक से अधिक संख्या में महोत्सव में शामिल होकर बाबा गुरु घासीदास जी के विचारों को आत्मसात करने और इस सांस्कृतिक उत्सव को सफल बनाने की अपील की है।उल्लेखनीय है कि राज्य स्तरीय ओपन पंथी नृत्य प्रतियोगिता एवं गुरु घासीदास लोककला महोत्सव 2025 आगामी 28 दिसंबर तक निरंतर चलेगा, जिसमें प्रतिदिन विभिन्न जिलों से आए कलाकार अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोकसंस्कृति का अद्भुत प्रदर्शन करेंगे।

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