नई दिल्ली : पाकिस्तान ने गाजा में तैनात होने वाली अंतरराष्ट्रीय सेना का हिस्सा बनने पर सहमति जता दी है लेकिन उसे अमेरिकी शांति योजना की हमास से हथियार डलवाने की शर्त मंजूर नहीं है। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने मीडिया से बातचीत में कहा, गाजा में तैनात होने वाली अंतरराष्ट्रीय सेना का हिस्सा बनना पाकिस्तान के लिए बेहद संवेदनशील मसला है।उन्होंने साफ किया कि पाकिस्तान गाजा में शांति बनाए रखने में सहयोग के लिए तैयार है लेकिन वह शांति के लिए बल प्रयोग में भूमिका अदा नहीं करेगा।
डार ने कहा, गाजा में शांति की प्रक्रिया में शामिल होने में पाकिस्तान को खुशी होगी लेकिन वह हमास को शस्त्रविहीन करने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनेगा। यह जिम्मेदारी गाजा की सत्ता संभालने वाले फलस्तीनी प्राधिकार की होनी चाहिए। हमारी भूमिका शांति बनाए रखने में फलस्तीनी प्राधिकार को सहयोग देने तक सीमित रहेगी।
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विदित हो कि गाजा में करीब दो वर्ष चले युद्ध के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की पहल पर शांति समझौता हुआ है। इसके लिए बनी शांति योजना में हमास के गाजा की सत्ता से दूर होने और हथियार छोड़ने जैसी प्रमुख शर्तें शामिल हैं। इसी योजना के तहत गाजा और इजरायल के बीच अंतरराष्ट्रीय सेना तैनात होनी है।
अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान इस अंतरराष्ट्रीय सेना में अपने सैनिक शामिल करे। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने अंतरराष्ट्रीय सेना में पाकिस्तान के शामिल होने के लिए तैयार होने पर उसका आभार जताया है।

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