सोने और चांदी की कीमतों में आई भारी तेजी ने आम जनता और खास तौर पर उन परिवारों को चिंता में डाल दिया है, जिनके घरों में शादियां हैं। वर्तमान में सोने के दाम अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं, जिससे हल्के गहने बनवाना भी अब बजट से बाहर होता जा रहा है। स्थिति यह है कि जो पायल और बिछिया कुछ हजार रुपयों में मिल जाते थे, अब वजन बढ़ने के साथ उनकी कीमत लाखों तक पहुंच रही है। मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह तय कर पाना मुश्किल हो रहा है कि वे अपनी जरूरत के अनुसार कितने ग्राम के आभूषण बनवाएं।
बाजार विशेषज्ञों और सराफा कारोबारियों का मानना है कि सोने की कीमतों में गिरावट की संभावना बहुत कम है। जानकारों का कहना है कि फरवरी 2026 तक सोने की कीमत 1.5 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है और भविष्य में यह 2 लाख रुपये का आंकड़ा भी छू सकती है। निवेशकों का बढ़ता रुझान इन धातुओं की कीमतों को और ऊपर ले जा रहा है। कारोबारियों का तर्क है कि अगर कीमतों में थोड़ी-बहुत गिरावट आती भी है, तो भी सोना पुराने निचले स्तरों पर वापस नहीं लौटेगा।
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आंकड़ों की बात करें तो पिछले एक साल में सोने की कीमतों में लगभग 39% का उछाल देखा गया है, जो एक बड़ा रिकॉर्ड है। इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के अनुसार, सोने ने अब तक 163% की कुल बढ़ोतरी दर्ज की है और चांदी भी इसी राह पर है। चांदी की कीमतें भी 2.36 लाख रुपये प्रति किलो के आसपास बनी हुई हैं और इनमें भी बड़ी गिरावट के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञों की सलाह है कि ग्राहकों को अपने बजट के अनुसार निवेश और खरीदारी जारी रखनी चाहिए क्योंकि आने वाले समय में ये कीमतें और नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती हैं।
सोने-चांदी के भावों में आई इस अभूतपूर्व तेजी ने निवेश के नजरिए से इसे एक सुरक्षित विकल्प बना दिया है, लेकिन आम ग्राहकों के लिए यह एक बड़ा झटका है। शादियों के सीजन में बढ़ती मांग और निवेशकों की सक्रियता के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव तो जारी है, लेकिन समग्र रुझान ऊपर की ओर ही बना हुआ है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि सोने की यही रफ्तार रही, तो यह आने वाले वर्षों में आम आदमी की पहुंच से और भी दूर हो सकता है।

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