कोठीगांव में हिन्दू सम्मेलन सम्पन्न, संत उमेशानंद गिरि महाराज ने कमार जनजाति की दो अनाथ बालिकाओं की शिक्षा का उठाया दायित्व

कोठीगांव में हिन्दू सम्मेलन सम्पन्न, संत उमेशानंद गिरि महाराज ने कमार जनजाति की दो अनाथ बालिकाओं की शिक्षा का उठाया दायित्व

परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद : ग्राम कोठीगांव में आयोजित हिन्दू सम्मेलन के अवसर पर मुख्य अतिथि संत उमेश आनंद गिरि महाराज अध्यक्ष श्री राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद छत्तीसगढ़, अध्यक्षता संत अंजनी नंदन शरण महाराज प्रदेश सचिव श्री राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद छत्तीसगढ़ ,विशेष अतिथि विश्वप्रताप ध्रुव सरपंच ग्राम पंचायत कोठी गांव, श्यामलाल सोरी संचालक जिला वनोंपज जिला गरियाबंद, मिलनतीन बाई नागेश जनपद सदस्य, तिलक राम मरकाम उप सरपंच,सुभद्राबाई ठाकुर, सहदेव विश्वकर्मा, सुजन कुमार कुंजाम पंच शालिक राम सोरी अध्यक्ष लघुवनोपज समिति कोठीगांव ,वक्ता मनु ध्रुव, पत्रकार परमेश्वर राजपूत, चंद्रहास निषाद,

सत्यनारायण विश्वकर्मा, मनोज गोस्वामी, खेलन महिलांगे की उपस्थिति में सामाजिक सरोकार और सेवा भाव का अनुकरणीय उदाहरण देखने को मिला। राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष संत उमेशानंद गिरि महाराज ने विशेष पिछड़ी कमार जनजाति की दो अनाथ बालिकाओं की दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी लेने की घोषणा की। इस अवसर पर परिषद के प्रदेश सचिव संत अंजनी नंदन शरण महाराज सहित अन्य वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया।

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सम्मेलन के दौरान संत उमेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि शिक्षा ही समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान का सबसे सशक्त माध्यम है। विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आना चाहिए। उन्होंने मुढ़ीपानी के कमार पारा की दो अनाथ बालिकाओं को आवश्यक सामग्री का वितरण करते हुए उनकी शिक्षा का संपूर्ण खर्च दसवीं तक वहन करने की घोषणा की, जिसे सुनकर उपस्थित जनसमुदाय ने तालियों के साथ स्वागत किया।कार्यक्रम के दौरान सामाजिक सेवा के अंतर्गत पचास वृद्धजनों को ठंड से बचाव के लिए कंबल एवं गर्म कपड़े वितरित किए गए। वहीं बीस गरीब विद्यार्थियों को स्कूल बैग एवं गर्म टोपी प्रदान कर शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया गया। इसके साथ ही सम्मेलन में उपस्थित पत्रकारों को भी ठंड से बचाव के लिए जैकेट एवं गमछा भेंट कर सम्मानित किया गया।

हिन्दू सम्मेलन में वक्ताओं ने सामाजिक एकता, सनातन संस्कृति की रक्षा, सेवा और सहयोग की भावना पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर वर्गों की मदद करना ही सच्चा धर्म है और ऐसे आयोजनों से सामाजिक समरसता मजबूत होती है।इस अवसर पर हिन्दू संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। सम्मेलन का समापन राष्ट्र, धर्म और समाज सेवा के संकल्प के साथ किया गया।







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