किसानों के लिए सुनहरा अवसर,ये है कम समय में तैयार होने वाली फसल

किसानों के लिए सुनहरा अवसर,ये है कम समय में तैयार होने वाली फसल

बाराबंकी: शिमला मिर्च की खेती किसानों के लिए एक फायदेमंद विकल्प बनती जा रही है. ये उन सब्जियों में शामिल है, जिनकी बाजार में हमेशा अच्छी मांग रहती है. खास बात यह है कि इसकी खेती के लिए न तो ज्यादा जमीन की जरूरत होती है और न ही किसी खास तकनीक की. किसान पारंपरिक तरीकों से भी इसे उगा सकते हैं और कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

बाराबंकी जिले के सहेलिया गांव के युवा किसान शेखर यादव ने शिमला मिर्च की खेती से अपनी आमदनी को बढ़ाया है. उन्होंने पारंपरिक खेती के साथ-साथ शिमला मिर्च की खेती शुरू की और इसमें उन्हें शानदार मुनाफा हुआ. आज वे करीब दो बीघे में शिमला मिर्च उगा रहे हैं, जिससे उन्हें एक फसल पर 80 से 90 हजार रुपये तक की कमाई हो रही है. यानी एक बीघा में 45 हजार तक की कमाई हो रही है.

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शिमला मिर्च की खेती का अनुभव
किसान शेखर यादव ने बताया, ‘मैं पिछले 4-5 सालों से शिमला मिर्च की खेती कर रहा हूं. इस खेती में लागत के मुकाबले मुनाफा कई गुना अधिक है. फिलहाल मैंने दो बीघे में इसकी खेती की है. प्रति बीघा 20 से 25 हजार रुपये की लागत आती है, जिसमें बीज, पन्नी, खाद, कीटनाशक और सिंचाई का खर्च शामिल है. वहीं, एक फसल से 80-90 हजार रुपये तक की कमाई हो जाती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी बाजार में लगातार मांग बनी रहती है, जिससे बिक्री में कोई समस्या नहीं होती.’

कैसे करें शिमला मिर्च की खेती?
शेखर यादव के अनुसार, शिमला मिर्च उगाने की प्रक्रिया बेहद आसान है.
बीज चयन: पहले अच्छे क्वालिटी के बीज खरीदे जाते हैं और उनकी नर्सरी तैयार की जाती है.
जमीन की तैयारी: खेत की गहरी जुताई कर उसमें गोबर की खाद मिलाई जाती है.
मल्चिंग तकनीक: खेत में मेड बनाकर उस पर मल्च बिछाया जाता है.
पौधारोपण: पौधों को उचित दूरी पर लगाया जाता है और तुरंत सिंचाई की जाती है.
खाद और देखभाल: पौधों की ग्रोथ के लिए समय-समय पर खाद और कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है.
फसल तैयार होने का समय: पौधा लगाने के 60-65 दिन बाद फसल तैयार हो जाती है.

किसानों के लिए सुनहरा अवसर
शिमला मिर्च की खेती छोटे किसानों के लिए कम लागत में ज्यादा आमदनी का जरिया बन सकती है. इसकी लगातार मांग और बेहतर बाजार मूल्य इसे अन्य फसलों की तुलना में अधिक लाभदायक बनाते हैं. किसान शेखर यादव की सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही तकनीक और मेहनत से खेती से भी शानदार कमाई की जा सकती है.

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