• Sunday , Apr 27 , 2025
मुखिया के मुखारी – कुउद्देश्य वाली पूजा से नही मिलती महादेव की कृपा  

मुखिया के मुखारी – कुउद्देश्य वाली पूजा से नही मिलती महादेव की कृपा  

8 मार्च 2025  :मोटिव याने उद्देश्य अपराध , अपराध अन्वेषण और अपराध के लिए दी जाने वाली सजा की अहम कड़ी होती है,बिना उद्देश्य (मोटिव) जानें न्यायालय भी किसी अपराधी को सजा नही देती ,वकीलों के तर्कों का आधार भी यही होता है, बिना उद्देश्य (मोटिव) के कोई कार्य नही होता और ना ही अपराध ,दुर्ग SP ने एक साथ 110 आरक्षकों के उपर अनुशासनात्मक कार्यवाही की निलंबन, बर्खास्तगी ,जेलों के भी अतिथि बन गए ,कानून के रक्षक पुलिस के इस सामूहिक अपराध का कोई तो उद्देश्य (मोटिव) होगा ,दुर्ग पूर्व मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का गृह जिला है,यही के पुलिस कप्तान चर्चा में हैं, इसी जिले के मनोचिकित्सक पूर्व पुलिस कप्तान जाँच के दायरे में है,क्या है ऐसा दुर्ग पुलिस में की आरक्षक से लेकर कप्तान की साख दांव पर लग गई  । उद्देश्य (मोटिव) कुछ तो है, जो सबका एक है,इन सबको कृपा चाहिए थी सों खुद ने प्रयास किया,प्रतिभावान अपराधी ढूंढें पुरे शहर को सट्टे का ऐसा चस्का लगाया की दुर्ग भिलाई की कुख्यति अंतर्राष्ट्रीय हो गई ,पैसा बरसने लगा रोडपति अरबपति हो गए, झोपडियां विलाओं में तब्दील हो गई,गुपचुप वाले के पास भी फार्चुनर, धन वैभव ,विलासिता दुर्ग की गुलाम हो गई, हजारों करोड़ों का टर्न ओवर वाली कम्पनी का अभ्युदय हुआ ।

ये भी पढ़े :मुखिया के मुखारी –वक्फ संसोधन करेगा भारतीय राजनीति का शोधन 

कोरोना में जब लोग त्राहिमाम कर रहे थे सारी गतिविधियां घरों में कैद हो गई थी ,अपराध शून्य ,प्रदुषण शून्य, पुलिस चौक चौराहों पर सजग हो पहरा दे रही थी, संक्रमण रोकने का भरपूर प्रयास कर रही थी ,काम तो था पर इस काम में आर्थिक गतिविधियां बंद थी, इस बंद को तोड़ना प्रदेश को विकास के पथ पर बढ़ाना था ,सों खूब पूजा हुई पैसों की ,महादेव का नाम सट्टे से जोड़ लक्ष्मी कृपा पाई गई ,संक्रमण कोरोना का तो चला गया पर सट्टों के पैसों के संक्रमण ने सरकार की बिदाई कर दी ,पुलिस अधिकारियों पर शामत आ गई,सरकार के हर अंग ने कानून का अंग भंग किया, उद्देश्य (मोटिव)  सरकार के मुखिया का भी वही था जो उनके मंत्री ,विधायक,अधिकारी ,कर्मचारी और उनके अपनों का था ,उद्देश्य (मोटिव)  था सिर्फ एक महादेव सट्टा एप्प का संरक्षण उसे पल्लवित पोषित कर छत्तीसगढ़ को कुपोषित करने का गन्दा खेल, बिना उम्र जाति बंधन के सट्टे का अपराधिक नशा खूब चढ़ा,पर ये नशा शिक्षा और पदों पर भी निर्विकार भाव से चढ़ा ,महादेव सट्टा एप्प के आरोपियों की सूचि बताती है की कैसे लोग नैतिकता बेच राजनीतिज्ञ, अधिकारी से सट्टा किंग बन गए थे, जिस अपराध के लिए जिस मापदंड पर वर्तमान कप्तान ने कार्यवाही की क्या वों कार्यवाही रील वाले साहब रियल में नही कर सकते थे  ?

कप्तान तों दोनों हैं ,थे पर एक के पास उद्देश्य (मोटिव)  है ,दूसरा निगेटिव था खादी, वर्दी की जुगलबंदी खाकी को खाक में मिला दी,ऐसा क्यों किया इन आला अधिकारियों ने, क्यों घुटने टेक दिए बौद्धिक सम्पदा ने भौतिक सम्पदा के आगे  ? उद्देश्य (मोटिव)  जब मुखिया का पैसा हो तो कारिंदे कहां पीछे रहते जिनकी अपनी रीढ़ की हड्डी मजबूत नही थी वों कानून को कैसे मजबूत करते, सरकार अपनी सिस्टम अपना पैसों से सब खरीद लेंगे इन्ही पैसों से छत्तीसगढ़िया मतों को भी खरीदने की कोशिशे हुई,  तत्कालीन सरकार का उद्देश्य (मोटिव) भ्रस्टाचार ही था वर्तमान ही नही भविष्य भी ख़राब किया गया, सट्टे की लत से लेकर PSC के पदों का बिकना वर्तमान पुलिस अधिकारियों से लेकर PSC चयनित उम्मीदवारों का जेल जाना, व्यापारी, दलाल ,अधिकारी रिश्वत खोर नेता कमीशन खोर ऐसे में घर क्या बचता, कोर -कोर में भ्रस्टाचार जिसकी व्यापकता का नही था कोई ओर छोर ,पूर्व मुख्यमंत्री के जिले को सट्टा गढ़ बना ,गढ़ा इन्होंने नवा छत्तीसगढ़,छत्तीसगढ़ की पहली व्यस्क सरकार ने दूर व्यसनों को अंगीकार कर लिया था, 18 साल की उम्र में छत्तीसगढ़ सट्टा ,शराब घपले ,घोटालों का गढ़ बन गया ,जाति लिंग के भेदभाव के बिना अधिकारी, नेता, व्यापारी जेल पहुँच गए कुछ अपने द्वारे से उस द्वारे तक जाने की राह देख रहे ,बयान बीर बन उसकी तीव्रता कम करने की असफल कोशिश कर रहे ,कल के इन अति प्रतिष्ठो की प्रतिष्ठा किस उद्देश्य (मोटिव)  की वजह से धूमिल हुई ,सरकार क्या ऐसा ही छत्तीसगढ़ गढ़ना चाह रही थी ,पुरानी सरकार में जिल्लत झेले पुलिस अधिकारियों को न्याय मिला उनकी वापसी हुई, पुरानी सरकार अपने अधिकारियों को उद्देश्यपूर्ति ना होने पर प्रताड़ित करती थी, जाँच के दायरे में आये अधिकारियों ने कमर झुका ली ,भ्रस्टाचार के बोझ ने उन्हें अर्श से फर्श पर ला दिया ,एक उद्देश्य (मोटिव)  ने अपराध को जन्म दिया कितनों को अपराधी बना दिया, साक्ष्य है ये उद्देश्य ,(मोटिव)  अपराध की सजा के लिए अधिकार संपन्न ,अधिकारियों ने अपने अधिकार ही नही जमीर भी गिरवी रख दिए थे, अमीर बनने के लिए ,उद्देश्य (मोटिव)  की वजह से ना सरकार रही ,ना महादेव की कृपा,त्रिनेत्र खुला आम छत्तीसगढ़ियों की महादेव की पूजा से क्योंकी -------------------कुउद्देश्य वाली पूजा से नही मिलती महादेव की कृपा  

चोखेलाल

आपसे आग्रह :

कृपया चोखेलाल की टिप्पणियों पर नियमित रूप से अपनी राय व सुझाव इस नंबर 6267411232 पर दें, ताकि इसे बेहतर बनाया जा सके।

मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी

 






You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments