जमीन बेचने के नाम पर 70 से 80 लोगों को करोड़ों रुपये का चूना,ऐसे हुआ खुलासा

जमीन बेचने के नाम पर 70 से 80 लोगों को करोड़ों रुपये का चूना,ऐसे हुआ खुलासा

 रायपुर : देहरादून के रायपुर क्षेत्र में एक बड़ी ठगी का मामला सामने आया है, जहां एक कंपनी और उससे जुड़े कुछ लोगों ने मिलकर जमीन बेचने के नाम पर 70 से 80 लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया.आरोप है कि इन लोगों से जमीन का सौदा किया गया, उनसे रकम भी वसूली गई, लेकिन बाद में न तो उन्हें जमीन दी गई और न ही उनकी रकम लौटाई गई. मामला जब एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) तक पहुंचा तो जांच के बाद रायपुर थाना पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है

ये भी पढ़े :मुखिया के मुखारी – कुउद्देश्य वाली पूजा से नही मिलती महादेव की कृपा  

प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस धोखाधड़ी में शामिल लोगों ने खुद को जमीन का मालिक बताकर या किसी कंपनी के माध्यम से प्लॉटिंग योजना के तहत लोगों को जमीन बेचने का झांसा दिया. कंपनी ने बाकायदा साइट विजिट करवाई, नक्शे और दस्तावेज दिखाए और विश्वास में लेकर बुकिंग के नाम पर लाखों की रकम जमा करवा ली. जब जमीन की रजिस्ट्री की बारी आई, तो या तो समय टाला गया या फिर कहा गया कि जमीन किसी विवाद में है

एसआईटी की जांच में यह बात सामने आई कि यह कोई एक व्यक्ति या सीमित समूह का कार्य नहीं था, बल्कि एक संगठित नेटवर्क की तरह यह ठगी की जा रही थी. जमीन की खरीद-बिक्री में आम आदमी की भावनाओं और जरूरतों का फायदा उठाकर उन्हें फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बेवकूफ बनाया गया.

जांच के अनुसार, इस गिरोह ने देहरादून के रायपुर क्षेत्र में राजाजी नेशनल पार्क के आसपास की जमीनों को प्लॉटिंग के रूप में दिखाकर बेचा. लेकिन जब पीड़ितों ने जमीन की वास्तविक स्थिति जाननी चाही या रजिस्ट्री की बात की, तो कंपनी ने किनारा कर लिया. पीड़ितों की शिकायतों के बाद एसआईटी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की.

रायपुर थाना पुलिस ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर तीन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और इससे जुड़े और भी नामों का खुलासा हो सकता है

एसआईटी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 से अब तक जमीन से जुड़ी धोखाधड़ी के 30 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें ज्यादातर मामलों में लोगों को भूखंड देने के नाम पर ठगा गया है. खास बात यह है कि इन सभी मामलों में एक जैसी कार्यप्रणाली अपनाई गई, जिससे यह संदेह गहराता है कि कोई बड़ा गिरोह इस पूरे रैकेट को चला रहा है

पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन की जमा पूंजी जमीन खरीदने में लगा दी थी, लेकिन अब न तो उन्हें जमीन मिली और न ही रकम वापस हो रही है. एक पीड़ित ने बताया, "हमें बताया गया था कि यह जमीन पूरी तरह वैध है और जल्द ही रजिस्ट्री हो जाएगी. हमने 10 लाख रुपये जमा करवा दिए, लेकिन अब जब संपर्क किया तो कोई जवाब नहीं मिल रहा

जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच को तेज कर दिया है. एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस टीमों का गठन किया गया है और फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है. साथ ही, ऐसी सभी कंपनियों की जांच भी शुरू हो गई है जो प्लॉटिंग या जमीन बेचने का कार्य कर रही हैं

प्रशासन अब जमीन से जुड़ी हर खरीद-फरोख्त पर डिजिटल निगरानी और पंजीकरण प्रक्रिया को सख्त करने की योजना बना रहा है, जिससे आम लोगों को भविष्य में ऐसे धोखाधड़ी से बचाया जा सके. एसआईटी द्वारा तैयार रिपोर्ट को मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजा जाएगा ताकि राज्य स्तर पर प्रभावी नीति बनाई जा सके

ये भी पढ़े : कांग्रेस के दो पार्षद भाजपा में हुए शामिल






You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे

Comments

  • No Comments...

Leave Comments