इस्लामिक गणराज्य पाक में नापाक रेव पार्टियां 

इस्लामिक गणराज्य पाक में नापाक रेव पार्टियां 

पाकिस्तान  : इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान बना तो इस्लाम के नाम पर था,पर क्या वों इस्लाम के अनुरूप चल रहा,खुलेआम इस्लामिक मान्यताओं की धज्जियां उड़ाई जा रही,बदलते जीवन शैली को लेकर जो मौलाना मौलवी रोजाना फतवे जारी करते हैं उन्हें पाकिस्तान की इस घटना का संज्ञान लेना चाहिए. 

पाकिस्तान  में हाल ही में एक ऐसी घटना ने तहलका मचा दिया, जिसने न सिर्फ सोशल मीडिया को हिलाकर रख दिया, बल्कि लोगों के मन में कई सवाल भी खड़े कर दिए। एक फार्महाउस में चल रही रेव पार्टी पर पुलिस ने छापा मारा, जहां शराब, डांस और शोर-शराबे के बीच कई युवा मस्ती में डूबे मिले।

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लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती-जिन पुलिसवालों ने इस पार्टी को रंगे हाथों पकड़ा, वही अब सस्पेंड हो गए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि कार्रवाई करने वाले ही सजा के हकदार बन गए? और इस पार्टी में कौन-कौन शामिल था? आइए, इस पूरे मामले की परतें खोलते हैं।

फार्महाउस में क्या चल रहा था?

पाकिस्तान के कसूर जिले में एक फार्महाउस से शुरू हुई यह कहानी अब हर जुबान पर है। पुलिस को सूचना मिली कि वहां देर रात एक रेव पार्टी चल रही है। छापे के दौरान 55 युवा पकड़े गए, जिनमें 30 लड़के और 25 लड़कियां शामिल थीं। मौके से शराब और तेज आवाज वाले साउंड सिस्टम भी बरामद हुए। लेकिन असली ट्विस्ट तब आया, जब यह दावा सामने आया कि इनमें से कई युवा पाकिस्तान के बड़े सैन्य अधिकारियों और सत्ताधारी पीएमएल-एन पार्टी के नेताओं के बच्चे थे। इस खुलासे ने पूरे मामले को सुर्खियों में ला दिया।

पुलिस पर क्यों गिरी गाज?

छापेमारी के बाद पुलिस ने पकड़े गए युवाओं का एक वीडियो बनाया, जिसमें लड़कियां लाइन में खड़ी नजर आईं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। लोगों ने इसे निजता का उल्लंघन बताते हुए पुलिस की कड़ी आलोचना की। वायरल वीडियो में कुछ लड़कियों को जबरन कैमरे के सामने लाने की कोशिश भी दिखी, जिससे विवाद और गहरा गया। नतीजा? कसूर के डीपीओ ईसा खान ने तुरंत जांच के आदेश दिए और दो पुलिस अधिकारियों-एसएचओ सकलैन बुखारी और एक अन्य जांच अधिकारी-को निलंबित कर दिया गया। दूसरी ओर, अदालत ने सभी आरोपियों को रिहा कर दिया, जिससे पुलिस की किरकिरी और बढ़ गई।

अमीरजादों की मौज का सच

इस घटना ने एक सवाल को जन्म दिया-क्या नियम-कानून सिर्फ आम लोगों के लिए हैं? सोशल मीडिया पर लोग तंज कस रहे हैं कि बुर्का और हिजाब जैसे नियम शायद गरीबों या दिखावे के लिए ही बने हैं, क्योंकि अमीरजादों की मौज में कोई कमी नहीं दिखती। इस रेव पार्टी में शामिल युवाओं की पहचान ने पाकिस्तान के समाज में व्याप्त दोहरे चरित्र पर भी बहस छेड़ दी है। जहां एक तरफ सख्त इस्लामी नियमों की बात होती है, वहीं दूसरी ओर ये नजारा कुछ और ही कहानी बयां करता है।

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