छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय , खैरागढ़ को आखिरकार एक स्थायी और योग्य कुलपति मिल गया है।राज्यपाल एवं कुलाधिपति की ओर से जारी आदेश में प्रो. लवली शर्मा को विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति विश्वविद्यालय अधिनियम 1956 के संशोधन 2021 की धारा 12 (1) के अंतर्गत की गई है।
यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब विश्वविद्यालय पिछले कुछ वर्षों से प्रशासनिक अनिश्चितता और विवादों से घिरा हुआ था। पूर्व कुलपति डॉ. ममता चंद्राकर के कार्यकाल को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे।
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पूर्व कुलपति डॉ. ममता चंद्राकर पर था ये आरोप
कुलपति डॉ. ममता चंद्राकर पर आरोप था कि उन्होंने कुलपति पद के लिए आवश्यक न्यूनतम योग्यता कम से कम दस वर्ष का अध्यापन अनुभव पूरा नहीं किया था। इसके बावजूद उन्हें नियुक्त किया गया, जिसने विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया।
देखें आदेश-
डॉ. चंद्राकर के कार्यकाल के बाद नहीं हो सकी थी स्थायी कुलपति की नियुक्ति
डॉ. चंद्राकर के कार्यकाल के बाद विश्वविद्यालय में लंबे समय तक स्थायी कुलपति की नियुक्ति नहीं हो सकी। बीते कुछ महीनों से विश्वविद्यालय का प्रभार संभागायुक्त के पास था, जिससे प्रशासनिक निर्णयों में देरी और अकादमिक माहौल में अस्थिरता बनी हुई थी।
प्रो. लवली शर्मा की नियुक्ति को शिक्षाविदों और छात्रों द्वारा सकारात्मक रूप से लिया गया है। उनके पास उच्च शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ वर्षों का अध्यापन एवं प्रशासनिक अनुभव है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि विश्वविद्यालय अब एक बार फिर गुणवत्तापूर्ण कला और संगीत शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ेगा।
विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को अब एक ऐसे नेतृत्व की प्रतीक्षा थी जो न केवल नियमों के अनुरूप हो, बल्कि संस्थान की सांस्कृतिक गरिमा को भी पुनः स्थापित कर सके। लवली शर्मा की नियुक्ति इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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