वर्तमान में खरमास का महीना चल रहा है, जो 14 मार्च से शुरू हुआ था और 13 अप्रैल को खत्म हो जाएगा. खरमास शुरू होते ही शादी, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण संस्कार और अन्य सभी शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं. इसलिए पूरे माह कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास के दिनों में कोई भी शुभ कार्य करने से दुर्भाग्य आएगा और आप उस दौरान कोई प्रगति नहीं कर पाएंगे. खरमास के दिनों में शुभ कार्य करने से उस शुभ कार्य में नकारात्मकता बढ़ सकती है. इस दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है जो आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है.
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13 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर सूर्य देव मीन राशि छोड़कर मेष राशि में प्रवेश करेंगे. ऐसे में खरमास 13 अप्रैल 2025 को समाप्त हो जाएगा. इसके बाद 14 अप्रैल से फिर से शादी-ब्याह, गृह प्रवेश और सभी शुभ कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे. हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य शुभ मुहूर्त देखकर किया जाता है. सही समय पर अच्छा काम करने से आपके काम में सकारात्मक चीजें घटित हो सकती हैं. अप्रैल में विवाह के लिए 9 शुभ दिन हैं. अप्रैल में विवाह के लिए शुभ तिथियां हैं – 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29 और 30 अप्रैल. इन तिथियों पर आप पंडितों की सलाह से शुभ मुहूर्त निकलवा सकते हैं.
खरमास में क्या न करें:- शुभ कार्य – खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण आदि जैसे शुभ कार्यों से बचना चाहिए. तामसिक भोजन – तामसिक भोजन और शराब से बचना चाहिए. नई खरीदारी – नया वाहन, मकान या जमीन खरीदने से बचें. वाद-विवाद-विवाद से बचें.
खरमास में क्या करें:- सूर्य देव की पूजा प्रतिदिन सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करें. दान- जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र आदि दान करें. आध्यात्मिक अभ्यास – इस अवधि के दौरान ध्यान, जप और भक्ति पर ध्यान केंद्रित करें. पवित्र नदियों में स्नान- खरमास के दौरान पवित्र नदियों में स्नान का महत्व है. तौलिए और कपड़े खरीदने से बचें – आप इस अवधि के दौरान नए कपड़े, गहने, घर, वाहन और दैनिक आवश्यकताएं खरीद और उपयोग कर सकते हैं.
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