नई दिल्ली : डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल को मध्य प्रदेश के महू जिले में एक दलित परिवार में हुआ था। आज के दिन अंबेडकर दिवस मनाया जाता है। इस दिन को अंबेडकर जयंती या भीम जयंती के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि बाबा साहेब काे भारतीय संविधान का जनक भी कहा जाता है।
बाबा साहेब न केवल भारतीय संविधान के निर्माता थे, बल्कि वे एक महान समाज सुधारक, विचारक और शिक्षा के प्रतीक भी थे। उन्हाेंने महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज भी उठाई थी। आज उनकी जयंती के मौके पर उनके जीवन से जुड़ीं कुछ ऐसी अनसुनी बातें जानते हैं, जो शायद आपको पहले से न पता हों। आइए जानते हैं विस्तार से-
आजाद भारत के बने पहले कानून मंत्री
भारत के आजाद होने के बाद जब देश को कानूनी रूप से मजबूत आधार देने की जरूरत थी, तब बाबा साहेब को भारत का पहला कानून मंत्री बनाया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई सामाजिक सुधारों की नींव रखीं थीं।
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संविधान निर्माण की दी गई जिम्मेदारी
29 अगस्त 1947 को उन्हें संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्होंने भारतीय संविधान का ड्राफ्ट तैयार किया था, जो आज भी देश का आधार स्तंभ है।
असली सरनेम था 'अंबावडेकर'
डॉ. अंबेडकर का असल उपनाम 'अंबावडेकर' था। ये उनके पैतृक गांव अंबावडे (जिला रत्नागिरी, महाराष्ट्र) से जुड़ा हुआ माना जाता है। हालांकि स्कूल के एक शिक्षक महादेव अंबेडकर ने प्यार से उनका नाम बदलकर 'अंबेडकर' कर दिया था तबसे वे इसी नाम से जाने जाते हैं।
श्रमिकों के लिए बदले नियम
आपको बता दें कि 1942 में भारतीय श्रम सम्मेलन के 7वें सत्र में उन्होंने काम के घंटों को 12 से घटाकर 8 घंटे करवा दिया था। इससे मजदूर वर्ग काे बेहद राहत मिली थी।
डबल डॉक्टरेट पाने वाले बने पहले भारतीयडॉ. अंबेडकर न केवल विदेश से इकोनॉमिक्स में डॉक्टरेट लेने वाले पहले भारतीय थे, बल्कि दक्षिण एशिया में इकोनॉमिक्स में डबल डॉक्टरेट प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति भी थे।
हिंदू कोड बिल के पक्षधर
उन्होंने हमेशा महिलाओं के हक की बात की थी। इसके लिए उन्होंने संसद में हिंदू कोड बिल भी पेश किया था। हालांकि बिल के पारित न होने पर उन्होंने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
आपको बता दें कि 1942 में भारतीय श्रम सम्मेलन के 7वें सत्र में उन्होंने काम के घंटों को 12 से घटाकर 8 घंटे करवा दिया था। इससे मजदूर वर्ग काे बेहद राहत मिली थी।
डबल डॉक्टरेट पाने वाले बने पहले भारतीयडॉ. अंबेडकर न केवल विदेश से इकोनॉमिक्स में डॉक्टरेट लेने वाले पहले भारतीय थे, बल्कि दक्षिण एशिया में इकोनॉमिक्स में डबल डॉक्टरेट प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति भी थे।
हिंदू कोड बिल के पक्षधर
उन्होंने हमेशा महिलाओं के हक की बात की थी। इसके लिए उन्होंने संसद में हिंदू कोड बिल भी पेश किया था। हालांकि बिल के पारित न होने पर उन्होंने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
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