रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा वनमंडल में हुए करोड़ों के तेंदूपत्ता बोनस घोटाला मामले में गुरुवार को एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने निलंबित आइएफएस अधिकारी(डीएफओ) अशोक कुमार पटेल को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद पटेल को रायपुर की विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां ईओडब्ल्यू की ओर से आवेदन पेशकर उन्हें 30 अप्रैल तक पूछताछ करने पुलिस रिमांड में रखने की मांग की। कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई को बाद 23 अप्रैल तक कस्टोडियल रिमांड मंजूर कर एसीबी-ईओडब्ल्यू को सौंपने का आदेश सुनाया।
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जांच एजेंसी के अनुसार वर्ष 2021 के तेंदूपत्ता बोनस वितरण में 6.50 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है। इसके तार कई अधिकारियों और प्रबंधकों से जुड़े हुए निकले है। भारी अनियमितताओं की परतें डीएफओ की गिरफ्तारी के बाद खुलने की उम्मीद है। जांच के दौरान एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीम ने 10 अप्रैल को सुकमा जिले में नौ ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें नामी प्रबंधकों और नेताओं की संलिप्तता सामने आई।
इन अधिकारियों के नाम जांच में शामिल
उनमें सीपीआई नेता मनीष कुंजाम, कोंटा प्रबंधक मोहम्मद शरीफ़ खान, पालाचलमा प्रबंधक सीएच वेंकट, फूलबगड़ी प्रबंधक राजशेखर पुराणिक, जगरगुंडा प्रबंधक रवि गुप्ता, मिशिगुडा प्रबंधक राजेश आयतु, एर्राबोर प्रबंधक मितेंद्र सिंह राजू, पेदाबोडकेल प्रबंधक सुनील और जग्गावरम प्रबंधक मनोज कवासी के नाम जांच में शामिल हैं। इसके अलावा 11 अप्रैल को सुकमा के दोरनापाल में एक वनकर्मी के घर पर भी एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने छापेमारी की थी।
6.50 करोड़ की हेराफेरी के मिले सुबूत
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