19 अप्रैल 2025 : धन-धन की सुनों झंकार, ये दुनियां है काला बाजार… ये पैसा बोलता है -सामर्थवानों के पैसों की इतनी मंध्म बोली पैसों की सुन लगता है की गीतकार के बोल गलत हैं ,सारी ईमानदारी छत्तीसगढ़ पुलिस की थाती है,बेवजह ही उनके हिस्से बदनामी आई ,अफवाहें फैलाई गई कौन कहता है ईमानदारी गए दिनों की बात है ,कल छत्तीसगढ़ के आईपीएस अधिकारियों के सम्पत्तियों का ब्यौरा केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया निर्देश के बाद उसका परिपालन नगण्य संख्या में अफसरों ने किया पर जिनने किया उससे ईमानदारी की बानगी ऐसी दिख रही है की आँख के पढ़े पर दिमाग को भरोसा नही हो रहा । दुर्ग SP दो करोड़ दस लाख की सम्पत्ति के साथ प्रथम स्थान पर और 16 लाख की सम्पत्ति के साथ जीपीएम की SP सूचि को सम्पूर्ण कर रही हैं ,जिन्होंने अभी जानकारी नही दी है वों शायद हवा का रुख भांप रहे या फिर उनकी रूह अपनी निरीहता बताने अभी तैयार नही है,अन्याय है पुलिस के इन आलाअधिकारियों के उपर कितने सालों की सेवा के बाद इतनी सम्पत्ति फिर भी मलाई विभाग की पुलिस की छवि क्यों ? अफवाहें फैलाई जा रही , ईमानदारी के इन दस्तावेंजो को पढ़कर अपने अनपढ़ होने का एहसास हो रहा ,सट्टा का बट्टा किसने लगाया, कहां हैं पैसे ईमानदारी के साक्षात् प्रतिमान पुलिस अधिकारियों ने लिखित में बताया की उनके पास सिर्फ कुछ लाखों की संपत्तियां हैं,अपना खुद का घर नही है ।
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महादेव सट्टा एप्प की जन्मभूमि दुर्ग में SP रहे पुलिस अधिकारियों की सम्पत्ति बस इतनी आरोंप हजारों करोड़ो के सट्टा व्यवसाय संचालित और संरक्षण देने का इस सूचि से स्पष्ट हो गया की भारतीय पुलिस सेवा के पांच अधिकारियों पर जो जाँच सट्टा को लेकर चल रही उसमें आंच कितनी हैं,वित्त मंत्री को इनसे वित्तीय प्रबंधन ही नही सीखना इनके प्रति सहानुभूति भी रखनी चाहिए, गृह मंत्री अनुशंसा करें की इन्हें रियायती दरों पर गृह निर्माण मंडल के घर दिए जाएँ ईमानदारों को पुरुस्कृत करें तिरस्कृत नही,जाँच एजेंसियों ने अपनी चार्ज सीट में आरक्षकों को करोड़ो की सम्पत्तियों का मालिक कैसे बता दिया ? कपोल कल्पित होंगे उनके आरोंप यहां कप्तान साहबों के पास घर नही तों आरक्षकों के पास संपत्तियां कहां होंगी ? फार्महाउस कांकेर ,रायपुर ,दुर्ग ,राजनांदगांव ,धमतरी ,बिलासपुर ,की बातें इस सम्पत्ति सूचि ने बेनामी करार दी,सालों से घपले घोटालों की जाँच हो रही पुलिस पसीने से तर बतर है फिर भी सम्पत्ति सिफर है,महंगे स्कूलों में टेटकू के बच्चे पढ़ते हैं, मेचकू लग्जरी गाड़ियों में घूमते हैं, बेचकू आलिशान घरों में शाही अंदाज से रहते हैं,ज्वेलरी सारी भेचकू ने ही खरीदी हैं ,आत्मानंद स्कुल ,सरकारी अस्पताल खुले ही इन साहबों के लिए हैं ,कर्म टेटकू मेचकू का बदनाम बेचारे ये साहब हो रहे ,आरक्षक गरीबी रेखा से नीचे जी रहे, टीआई साग भात खा रहे ,SP की थाली में रोटी नही घी तो किसी पुलिसवाले ने देखी नही, PDS का चावल मिलता हैं तो इतने पैसे बच गए वर्ना सुख तो है ही नही ,सिर्फ भूख इनके हिस्से बचती, निरीह रुखी सुखी में गुजारा कर रहे पुलिस वाले कभी देखा है किसी का बंगला गाड़ी? साहबों को ये सुख दान में मिलता है,ईमानदारी से इनके प्रभावित सत्कर्मी इन्हें ये सुख सुविधांए कभी दे देते हैं, वर्ना ये टायर ना खरीद पायें।
भ्रष्टाचार की बाढ़ आई थी छत्तीसगढ़ में उस बाढ़ में नेता ,मंत्री ,अधिकारी ,व्यापारी सब बढ़ गए, नही बढ़े पुलिसवाले ,कितने स्थित प्रज्ञ हैं ,जितेंद्रिय हैं ,योगी हैं फिर भी क्यों इन पर भोगी होने का आरोंप है? ऐसी अनोखी ईमानदारी जिसकी कोई दूसरी ना मिसाल है, मलाल है की क्यों आप लोगों पर आरोपों की बौछार है,कुछ तो नैतिकता जागृत करनी होगी इन ईमानदारियों की, अविश्वसनीय सम्पत्तियों की सूचि को अविश्वसनीय सच मान छत्तीसगढ़ियों को अपने दिमागों में सूचीबद्ध करना होगा, जनसेवा में रमें हैं अपना आशियाना नही बना पाए ,उनकी पैसों की आशिकी की चर्चाएं अपराध हैं, करोड़ो के घपले घोटालों की जाँच कर लिए हर सेवा संवर्ग के लोगों को जेल पहुंचा आये, कानून कभी इनकी देहरी नही चढ़ पाई ,फिर भी चढ़ावे का आरोंप इन निरिहियों के साथ क्रूरता होगी जाँच पूरी ईमानदारी से होगी ,सुदामा हैं ये दम क्यों लगा रहे ,इनके कर्मों को जानने सच्चे ईमानदार है ये ,इनकी सम्पत्ति देख मनरेगा वाले खुश हैं उन्हें अपने मजदुर होने का गर्व है,इन्ही को सत्ता दे दो भाग्य सवांर देंगे, ये विभागी ईमानदारी विस्तृत होगी, छत्तीसगढ़ में धान की जगह ईमानदारी की फसल उगेगी, हमारा तो है कहना --------------------------------------पुलिसवालों के सम्मान में पूरा छत्तीसगढ़ मैदान में
चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल की टिप्पणी
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