कोलकाता : बांग्लादेश की सीमा से सटे बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर हुई हिंसा को लेकर राजनीति तेज है। इस हिंसा में तीन लोगों की जान चली गई थी जबकि कई लोग घायल हो गए और सैकड़ों हिंदू पलायन को मजबूर हुए हैं।
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इसकी जांच भी चल रही है।
तृणमूल के ही कई नेताओं ने प्रश्न उठाया
हालांकि, यूसुफ पठान के निर्वाचन क्षेत्र में सीधे तौर पर कोई हिंसा नहीं हुई है, लेकिन यह इलाका उपद्रवग्रस्त इलाकों से बहुत दूर नहीं है। इसलिए, उनकी अनुपस्थिति पर केवल विपक्ष नहीं बल्कि तृणमूल के ही कई नेताओं ने प्रश्न उठाया है।
बूथ कार्यकर्ता भी लोगों से संपर्क कर रहे
मुर्शिदाबाद सीट के तृणमूल सांसद अबू ताहिर खान ने कहा कि यूसुफ पठान की अनुपस्थिति गलत संदेश दिया है। वह (यूसुफ पठान) बाहरी व्यक्ति हैं और राजनीति में नए हैं। ऐसे में उन्होंने दूर रहना चुना, लेकिन इससे लोगों में गलत संदेश गया है। हमारे सांसद, विधायक और यहां तक कि बूथ कार्यकर्ता भी लोगों से संपर्क कर रहे हैं।
कई तृणमूल विधायक भी वहां मौजूद
समसेरगंज में एक शांति बैठक हुई। मैं वहां पहुंचने के लिए 100 किलोमीटर की यात्रा की। सांसद खलीलुर्र रहमान के साथ-साथ कई तृणमूल विधायक भी वहां मौजूद थे। पर युसूफ पठान नहीं थे। उन्होंने आगे नाराजगी जताते हुए कहा कि कोई यह नहीं कह सकता कि यह मेरा क्षेत्र नहीं है और यह मेरे लोग नहीं हैं और इसलिए मैं नहीं जाऊंगा।
मतदाताओं के साथ हो रहा है खेल
तृणमूल के एक अन्य नेता और भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर ने भी पठान पर ऐसे समय में लोगों के साथ मौजूद नहीं होने पर निराशा व्यक्त की। कबीर ने कहा कि पठान ने अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं। वह गुजरात में रहने वाले एक प्रसिद्ध क्रिकेटर हैं। उन्होंने लोगों के वोटों से (कांग्रेस नेता) अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा चुनाव में हराया था। यह सज्जन अब मतदाताओं के साथ खेल खेल रहे हैं। वह अपनी मर्जी से व्यवहार कर रहे हैं।
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