वैदिक पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर भानु सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सप्तमी तिथि पर सूर्य देव अवतरित हुए थे। इसलिए इस तिथि पर भानु सप्तमी मनाई जाती है। इस तिथि पर सूर्य देव की पूजा और व्रत करने का विधान है।
धार्मिक मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा करने से कारोबार में वृद्धि होती है। साथ ही बिगड़े काम पूरे होते हैं। वहीं, इसी तिथि पर चंद्र देव राशि परिवर्तन करेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब सूर्य , पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में होते हैं, तो ऐसी स्थिति में युति बनती है, जिससे शुभ और अशुभ राजयोग बनते हैं। इन योग का प्रभाव राशि के जातकों पर पड़ता है।
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20 अप्रैल यानी भानु सप्तमी यानी के दिन चंद्र देव मकर राशि में परिवर्तन करेंगे। वर्तमान में चंद्र देव वृश्चिक राशि में विराजमान है। ज्योतिष गणना के अनुसार, ऐसे में गुरु और चंद्रमा की युति बनने से गजकेसरी राजयोग का निर्माण होगा। इस योग के बनने से मकर और कुंभ राशि के जातकों की किस्मत चमक सकती है। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कि भानु सप्तमी के दिन मकर और कुंभ राशि के जातकों को कौन-से लाभ मिलेंगे?
चंद्र देव कब करेंगे राशि परिवर्तन?
वैदिक पंचांग के अनुसार, चंद्र देव 20 अप्रैल को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे।
मकर
चंद्र देव का राशि परिवर्तन मकर राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होने वाला है। इस राशि के लोगों को करियर में सफलता मिलने के योग बन सकते हैं। जॉब में प्रमोशन हो सकता है। घर में माहौल शानदार देखने को मिलेगा। परिवार के सदस्यों के साथ रिश्ते मजबूत होंगे।
कुंभ
इसके अलावा कुंभ राशि के जातकों के जीवन में खुशियों का आगमन होगा। इस राशि के लोगों को जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होगी। ऑफिस में आपके काम की तारीफ होगी। आर्थिक स्थिति ठीक रहेगी। प्रॉपर्टी में निवेश का प्लान बन सकता है। कुंभ राशि के लिए गजकेसरी राजयोग शुभ साबित हो सकता है।
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