भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। उनका जन्म त्रेतायुग में ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के घर हुआ था। परशुराम जयंती भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह दिन परशुराम जी को समर्पित है, जिन्होंने पृथ्वी को अन्याय और अत्याचार से मुक्त कराने के लिए अनेक बार क्षत्रियों से युद्ध किया था, तो आइए यहां जानते हैं कि इस साल परशुराम जयंती कब मनाई जाएगी?
परशुराम जयंती डेट और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 29 अप्रैल 2025, दिन मंगलवार की शाम 05 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी। इसका समापन अगले दिन 30 अप्रैल 2025, बुधवार को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर होगा। पंचांग गणना के आधार पर 29 अप्रैल को परशुराम जयंती मनाई जाती है।
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परशुराम जयंती पूजा विधि
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
मंदिर की साफ-सफाई करें।
एक वेदी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान परशुराम की प्रतिमा करें।
भगवान परशुराम को जल, अक्षत, चंदन, फूल, फल, मिठाई और नारियल अर्पित करें।
उन्हें फरसा भी अर्पित कर सकते हैं, जो उनका प्रमुख अस्त्र है।
घी का दीपक और धूप जलाएं।
भगवान परशुराम के मंत्रों का जाप करें।
इस दिन भगवान परशुराम की कथा सुनें या पढ़ें।
अंत में भगवान परशुराम की आरती करें और प्रसाद बांटें।
अपनी क्षमतानुसार दान-पुण्य करें।
कुछ भक्त इस दिन व्रत भी रखते हैं। यदि व्रत रखते हैं तो सिर्फ फलाहार करें।
परशुराम जयंती पूजन मंत्र
ॐ परशुरामाय नमः।।
ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो रामः प्रचोदयात्।।
ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम प्रचोदयात्।।
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