पूर्व महाधिवक्ता न्याय नही जमानत के थे खिलाड़ी आरोंप --- की अब जाँच करेगी सीबीआई

पूर्व महाधिवक्ता न्याय नही जमानत के थे खिलाड़ी आरोंप --- की अब जाँच करेगी सीबीआई

रायपुर :  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हाल ही में छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा और दो पूर्व नौकरशाहों के खिलाफ 2015 के एक आपराधिक मामले की कार्यवाही को प्रभावित करने के संबंध में लंबित आपराधिक मामले को अपने हाथ में ले लिया है।

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पिछले साल राज्य आर्थिक अपराध जांच ब्यूरो ने एजी वर्मा, पूर्व मुख्य सचिव डॉ. आलोक शर्मा और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के खिलाफ कथित नागरिक पूर्ति निगम (एनएएन) घोटाले की जांच को प्रभावित करने के लिए आधिकारिक पदों का दुरुपयोग करने के आरोप में मामला दर्ज किया था। केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद सीबीआई ने 16 अप्रैल को दिल्ली में मामला फिर से दर्ज किया।

 CBI FIR against former AG, others

राज्य आर्थिक अपराध शाखा ने पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर वर्मा और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

ईडी के अनुसार, शुक्ला और टुटेजा ने न केवल एनएएन घोटाले मामले की जांच में बाधा डाली, बल्कि छत्तीसगढ़ के नौकरशाहों और संवैधानिक पदाधिकारियों के साथ मिलकर मुकदमे को प्रभावित करने का भी प्रयास किया।

वर्मा के खिलाफ मामला यह है कि 2019-2020 के दौरान, जब वे महाधिवक्ता थे, उन्होंने कथित तौर पर एसीबी/ईओडब्ल्यू अधिकारियों को प्रभावित करने और उनकी अग्रिम जमानत याचिका के पक्ष में जवाबों में हेरफेर करने के लिए आरोपियों से अनुचित लाभ प्राप्त किया।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 13 फरवरी को इस मामले में वर्मा को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां से उन्हें 28 फरवरी को अग्रिम जमानत मिल गई।

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