नई दिल्ली : भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने गुरुवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तुलना सात अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमास के हमले से की। उन्होंने नागरिकों को निशाना बनाने में समानताओं का हवाला दिया और आतंकी संगठनों के बीच बढ़ते समन्वय की चेतावनी दी।
अजार ने दोनों हमलों में समानताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इजरायल में हमास के नेतृत्व वाले हमले में 1100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। उस हमले में भी निहत्थे नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया गया था।
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मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में एक प्रमुख पर्यटक स्थल पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
आतंकवादी संगठन एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे
अजार ने कहा, 'दुर्भाग्य से हमें यह स्वीकार करना होगा कि ये आतंकवादी संगठन एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं। पहलगाम हमले और सात अक्टूबर (2023) को इजरायल में जो हुआ, उसके बीच समानताएं हैं। मासूम पर्यटक पहलगाम में अपनी छुट्टियों का आनंद ले रहे थे, जबकि इजराइल में लोग एक संगीत समारोह मना रहे थे।'
उन्होंने पहलगाम हमले के समय को हमास नेताओं द्वारा हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की यात्रा से भी जोड़ा, जहां उन्होंने कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के गुर्गों और कुछ अन्य लोगों से मुलाकात की। इससे उनमें संभावित समन्वय का संकेत मिलता है।
आतंकवाद को बेनकाब किया जाना चाहिए
आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए मजबूत अंतरराष्ट्रीय समन्वय का आह्वान करते हुए रूवेन अजार ने कहा कि मुझे लगता है कि चरमपंथी तत्वों को सुविधाएं प्रदान करने वाले संगठनों की क्षमताओं पर सभी देशों को पूर्णतया प्रतिबंध लगाना चाहिए।
आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए न केवल सैन्य कार्रवाई की आवश्यकता है, बल्कि उकसावे से निपटने के प्रयासों की भी आवश्यकता है। आतंकवादी केवल हिंसा का उपयोग नहीं कर रहे हैं। वे हिंसा भड़का भी रहे हैं।
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